यूपी के मंत्री सुरेश राणा ने कहा, गन्ना मूल्य बढ़ने से किसानों को चार हजार करोड़ का होगा सीधा फायदा

उत्तर प्रदेश गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि गन्ना मूल्य बढ़ने से चार हजार करोड़ रुपये का सीधा फायदा किसानों को होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार ऐसे फैसले ले रही है जिससे किसानों की आमदनी बढ़ सके।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 11:39 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 11:40 PM (IST)
यूपी के मंत्री सुरेश राणा ने कहा, गन्ना मूल्य बढ़ने से किसानों को चार हजार करोड़ का होगा सीधा फायदा
मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि गन्ना मूल्य बढ़ने से चार हजार करोड़ रुपये का फायदा किसानों को होगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि गन्ना मूल्य बढ़ने से चार हजार करोड़ रुपये का सीधा फायदा किसानों को होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार ऐसे फैसले ले रही है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ सके। पिछले साढ़े चार साल में आठ लाख हेक्टेयर गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ा है। यह साबित करता है कि किसान सरकार की प्राथमिकता में हैं। राणा ने कहा कि पहले खांडसारी इकाइयों के लाइसेंस जारी नहीं होते थे। अब नियमों को लचीला बनाते हुए 270 खांडसारी लाइसेंस दिए गए। इनसे 50 हजार लोगों को रोजगार मिला है।

गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि वर्ष 2016-17 में गन्ने की अगैती का क्षेत्रफल 52.83 फीसद था। उन्होंने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों को अच्छी तकनीक देकर समृद्ध किया है। अब कुल फसल में अगैती का क्षेत्रफल बढ़कर 97.92 फीसद हो गया है। अगैती गन्ने का मूल्य सबसे अधिक 350 रुपये प्रति क्विंटल है। सामान्य प्रजाति की फसल अब केवल 2.01 फीसद व अस्वीकृत प्रजाति केवल 0.07 फीसद ही रह गई है। वर्ष 2016-17 में गन्ने की पैदावार 66 टन प्रति हेक्टेयर थी, जो बढ़कर 81.5 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। राष्ट्रीय औसत भी 71 टन प्रति हेक्टेयर ही है। उत्तर प्रदेश गन्ने का सर्वाधिक उत्पादकता वाला प्रदेश बन गया है।

गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि बसपा की सरकार (2007-2012) के बीच कुल 52 हजार करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया था। सपा सरकार (2012-2017) में कुल 95 हजार करोड़ रुपये भुगतान हुआ था। भाजपा की सरकार (2017-2021) में अब तक 144 हजार करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। उन्होंने बताया कि अब गन्ना किसानों का केवल 4900 करोड़ रुपये ही बकाया रह गया है। यह धनराशि भी नए पेराई सत्र के शुरू होने से पहले दे दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने आठ वर्षों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। बसपा सरकार में 21 चीनी मिलें बेची गर्ईं, जबकि 19 मिले बंद हुईं थीं। सपा सरकार में 11 चीनी मिलें बंद हुईं थीं। भाजपा की सरकार में निजी क्षेत्र की तीन चीनी मिलें व निगम क्षेत्र की दो चीनी मिलें पिपराइच एवं मुंडेरवा का संचालन शुरू हुआ। रमाला सहकारी चीनी मिल का क्षमता विस्तार भी भाजपा सरकार में हुआ है।

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