लखनऊ की बाबा भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी दाखिले में चार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सबसे पीछे
यूपी में चार केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। इनमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एएमयू इलाहाबाद विश्वविद्यालय एयू बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बीएचयू और बीबीएयू हैं। इनमें प्रवेश को लेकर बीबीएयू सबसे पीछे है। वर्ष 2021 बीतने को है मगर राजधानी के इकलौते बीबीएयू में शैक्षिक व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। वर्ष 2021 बीतने को है, मगर राजधानी के इकलौते केंद्रीय बाबा भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीयू) में शैक्षिक व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है। इसके चलते हजारों की संख्या में विद्यार्थी की पढ़ाई दांव पर है। विद्यार्थी परेशान हैं, मगर जिम्मेदारों की सेहत पर तनिक भी फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। यूपी में चार केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। इनमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एएमयू, इलाहाबाद विश्वविद्यालय एयू, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बीएचयू और बीबीएयू हैं। इनमें प्रवेश को लेकर बीबीएयू सबसे पीछे है।
एक ओर जहां बीएचयू में काउंसिलिंग शुरू हो चुकी है, एमयू और एयू में काउंसिलिंग खत्म होने को हैं, वहीं दूसरी ओर बीबीएयू की ओर से अभी तक वेबसाइट पर छात्रों के लिए मेरिट लिस्ट तक जारी नहीं की जा सकी। दूसरी ओर राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों व कालेजो में नया सत्र भी शुरू हो चुका हैं। तमाम संस्थानों में पहले सेमेस्टर की परीक्षा भी शुरू हो चुकी हैं।
6 महीने लेट हुआ नया सत्रः बीबीएयू ने इस बार एनटीए से प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया था। मौजूदा समय में इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। प्रवेश परीक्षा परिणाम न जारी होने के कारण हज़ारो छात्र विश्वविद्यालय से संपर्क कर रहे हैं, विभागों के पास भी अभी कोई स्पष्ठ जवाब नहीं हैं। विश्वविद्यालय यह तक नहीं बता पा रहा कि काउंसिलिंग कब शुरू होगी। अभ्यर्थियों का कहना है कि परिणाम जारी होने के बाद विश्वविद्यालय में संपर्क किया गया तो बताया गया कि 7 दिसंबर से शुरू होनी है। मगर अब बताया जा रहा है कि काउंसिलिंग 14 दिसंबर से शुरू हाेगी।
बीबीएयू को छोड़ तीन केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने करा लिया इस सत्र में पी एचडी दाखिले : स्नातक और परास्नातक में दाखिले के अलावा बीबीएयू पी.एचडी परीक्षा में फिसड्डी साबित रहा। अलीगढ़ और बनारस केंद्रीय विश्वविद्यालय ने इस सत्र की पी.एचडी की परीक्षा करवा के दाखिले ले भी लिए हैं, वही इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने पी०एचडी परीक्षा करवा के दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं, मगर बीबीएयू में जहां साल में दो बार पी०एचडी परीक्षा कराने का दावा किया गया था, वहां इस साल एक बार भी परीक्षा नही करवाई जा सकी। सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी का ज़ीरो सेशन करने का निर्णय लिया जा सकता है।