UP सरकार अब BEd व BTC सहित सभी पाठ्यक्रमों की छात्रवृत्ति की करेगी जांच, इन आठ बिंदुओं पर तैयार होगी रिपोर्ट

छात्रवृत्ति में होने वाले घपलों पर अंकुश लगाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित। पांच मार्च तक समाज कल्याण निदेशालय को देनी होगी रिपोर्ट। इसके बाद निदेशालय 10 मार्च तक सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 17 Feb 2021 03:39 PM (IST) Updated:Wed, 17 Feb 2021 08:18 PM (IST)
UP सरकार अब BEd व BTC सहित सभी पाठ्यक्रमों की छात्रवृत्ति की करेगी जांच, इन आठ बिंदुओं पर तैयार होगी रिपोर्ट
छात्रवृत्ति में होने वाले घपलों पर अंकुश लगाने के लिए यूपी की सरकार ने उठाए ठोस कदम।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। प्रदेश सरकार छात्रवृत्ति में होने वाले घपले को देखते हुए बीएड व बीटीसी सहित सभी पाठ्यक्रमों की छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की जांच कराने जा रही है। इसके लिए सरकार ने सभी जिलों में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। जांच समिति को पांच मार्च तक अपनी रिपोर्ट समाज कल्याण निदेशालय को देनी होगी। वहीं, समाज कल्याण निदेशालय को 10 मार्च तक सरकार को रिपोर्ट देनी है। 

छात्रवृत्ति में होने वाले घपलों पर अंकुश लगाने के लिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई उच्च स्तरीय बैठक में जिला स्तर पर जांच समिति गठित करने का फैसला हुआ। इसी के तहत समाज कल्याण विभाग ने मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी। इसमें संबंधित उप जिलाधिकारी व समाज कल्याण अधिकारी/जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी/जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को सदस्य बनाया गया है।

कॉलेजों व संस्थानों में इन आठ बिंदुओं पर देनी है अपनी जांच रिपोर्ट सॉफ्टवेयर के जरिये समान नाम, समान पिता का नाम और समान जन्मतिथि वाले मामलों की जांच करते हुए छात्रवृत्ति की धनराशि का दुरुपयोग रोकने  दूसरे प्रदेशों के हाईस्कूल बोर्ड से पास छात्रों को अत्यधिक संख्या में प्रवेश कराके उनकी छात्रवृत्ति का दुरुपयोग रोकना है।  आवेदन पत्र में यूपी बोर्ड को चयनित करने के स्थान पर यूपी बोर्ड के हाईस्कूल रोल नंबर/अंक पत्र को कई बार प्रयोग करते हुए फार्म भरवाने के मामले  स्वीकृत सीटों से अधिक संख्या में प्रवेश दिलाने व छात्रवृत्ति की धनराशि का गबन करने की जांच होगी।  पाठ्यक्रम में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेकर छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों द्वारा प्रथम वर्ष की परीक्षा में न बैठने तथा द्वितीय वर्ष में काफी संख्या में पढ़ाई छोड़ देने के मामले होंगे संस्थानों में पाठ्यक्रम की मान्यता व स्वीकृत सीटों की संख्या आदि की जांच करनी है। एनआइसी के समक्ष पोर्टल पर बैक एंड डाटा का भी सत्यापन किया जाएगा। फर्जी व संदिग्ध डाटा की जांच जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित दूसरी समिति करेगी।  जांच समिति छात्रों की पात्रता के साथ माता-पिता की वास्तविक आय की भी जांच करेगी। 

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