UP Budget 2021: बुनियादी ढांचे को रफ्तार देने व विकास के लिए भारी कर्ज लेने में भी गुरेज नहीं करेगी यूपी सरकार

कोरोना आपदा से उपजी संसाधनों की किल्लत ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को चौथे की तुलना में अपने पांचवें बजट का आकार महज 7.3 प्रतिशत बढ़ाने के लिए मजबूर किया हो लेकिन चुनावी वर्ष में उसने पूंजीगत परिव्यय में 40 फीसद बढ़ोतरी का हौसला दिखाया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 05:32 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 05:32 PM (IST)
UP Budget 2021: बुनियादी ढांचे को रफ्तार देने व विकास के लिए भारी कर्ज लेने में भी गुरेज नहीं करेगी यूपी सरकार
यूपी सरकार बुनियादी ढांचे को रफ्तार देने और विकास के लिए भारी कर्ज लेने में भी परहेज नहीं करेगी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना आपदा से उपजी संसाधनों की किल्लत ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को चौथे की तुलना में अपने पांचवें बजट का आकार महज 7.3 प्रतिशत बढ़ाने के लिए मजबूर किया हो लेकिन, चुनावी वर्ष में उसने पूंजीगत परिव्यय (परिसंपत्तियों के सृजन के लिए किये जाने वाले विकास कार्यों पर खर्च) में 40 फीसद बढ़ोतरी का हौसला दिखाया है। संसाधनों की तंगी के बावजूद पूंजीगत परिव्यय बढ़ाने और इसे अंजाम देने के लिए सरकार ने कर्ज लेकर विकास कराने का इरादा जताने से गुरेज नहीं किया है।

पिछले बजट में पूंजीगत परिव्यय का आकार 81209.49 करोड़ रुपये था जो पुनरीक्षित अनुमान में घटकर 68,253.87 करोड़ रुपये रह गया है। चुनावी वर्ष में सरकार ने बुनियादी ढांचे को रफ्तार देने के लिए वर्ष 2021-22 में पूंजीगत परिव्यय का आकार बढ़ाकर 1,13,767.7 करोड़ रुपये रखा है। बजट को ईंधन देने के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटे को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 4.17 प्रतिशत (90,729 करोड़ रुपये) तक खींच ले जाने की हिम्मत दिखायी है। यानी सरकार अपने भारी-भरकम खर्च के लिए पुराने ऋण को चुकाने के बाद इस सीमा तक कर्ज लेगी।

राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए सरकार ने ऋण प्राप्तियों से 85,509.4 करोड़ रुपये जुटाने का इरादा जताया है। इसमें से 70,150 करोड़ रुपये बाजार कर्ज होगा। सरकार नाबार्ड से 3219.4 करोड़ रुपये ऋण लेगी। भारतीय रिजर्व बैंक से अर्थोपाय अग्रिम (वेज एंड मीन्स एडवांस) के रूप में उसे 10,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। केंद्र सरकार से 2100 करोड़ रुपये कर्ज लेने की मंशा है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम लिमिटेड से 20 करोड़ रुपये और अन्य संस्थाओं से 20 करोड़ रुपये कर्ज लेने का इरादा है।

ऋण लेने की सीमा बढ़ी : पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिश पर केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2021-22 में राज्यों की कर लेने की अधिकतम सीमा को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर देने से राज्य सरकार बाजार से लगभग 32,000 करोड़ रुपये ज्यादा कर्ज ले सकेगी। फिलहाल अगले वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.17 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इस हिसाब से सरकार 25,628.66 करोड़ रुपये और कर्ज ले सकती है।

सरकार पर बढ़ा बाजार कर्ज का बोझ : अगले वित्तीय वर्ष के बजट अनुमान में प्रदेश पर 4,18,307 करोड़ रुपये बाजार ऋण लेने का अनुमान जताया गया है। यह राज्य के जीएसडीपी का 19.2 प्रतिशत है। यह तब है जब अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश की जीएसडीपी के बढ़कर 21,73,390 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष के बजट में राज्य पर कुल बाजार ऋण 3,23,461 करोड़ रुपये अनुमानित था जो कि जीएसडीपी का 18.1 फीसद था। पुनरीक्षित अनुमान में यह बढ़कर 3,63,987 करोड़ रुपये हो गया है जो कि जीएसडीपी का 18.8 प्रतिशत था।

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