UP Lockdown Wedding Guideline: यूपी में शादियों पर रोक या छूट, सरकार के दो आदेशों से बनी असमंजस की स्थिति

UP Lockdown Wedding Guideline पिछले जिन दो शासनादेशों में शादी-समारोह संबंधी जिक्र है उसके आधार पर अनुमति जारी रहने या न रहने पर शासन की चुप्पी है। हालत कुछ ऐसी है कि शादियों पर रोक है न छूट। शादी आपका रिस्क है और बाकी पुलिस-प्रशासन की मर्जी चलेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 07:06 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 10:17 AM (IST)
UP Lockdown Wedding Guideline: यूपी में शादियों पर रोक या छूट, सरकार के दो आदेशों से बनी असमंजस की स्थिति
उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान दो आदेशों से शादी समारोहों को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। UP Lockdown Wedding Guideline: कोरोना संक्रमण काल में शादी के सात फेरे ऐसे उलझे हैं कि आम जनता घनचक्कर हो गई और जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह बेफिक्र बने हुए हैं। उत्तर प्रदेश में पिछले जिन दो शासनादेशों में शादी-समारोह संबंधी जिक्र है, उसके आधार पर अनुमति जारी रहने या न रहने पर शासन की चुप्पी है। हालत कुछ ऐसी है कि शादियों पर रोक है या छूट, असमंजस की स्थित बनी हुई है। आपके घर में शादी है तो आपका रिस्क है और बाकी पुलिस-प्रशासन की मर्जी चलेगी।

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से आज जो हालात हैं, उनका अंदाजा न आमजन को था, न ही शासन को। बेशक, स्थितियां ऐसी हैं कि सार्वजनिक समारोह न किए जाएं। यथासंभव हर आयोजन टाल दिया जाए। शारीरिक दूरी बेहद जरूरी है, क्योंकि संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। मृत्यु दर भी बहुत अधिक है। इस सबसे इतर कुछ परिवारों की मजबूरी ऐसी है कि बेटे-बेटियों की शादी तय हो चुकी है। अब शायद उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वह उसे स्थगित कर सकें। ऐसे में उनकी उलझन बढ़ गई है।

वह असमंजस में हैं, क्योंकि संक्रमण की दूसरी लहर का प्रभाव बढ़ने पर शासनादेश जारी हुआ था, जिसमें उल्लेख था कि शादी-समारोह खुले स्थान पर करने पर उस क्षेत्रफल की निर्धारित क्षमता का पचास फीसद और अधिकतम सौ व्यक्ति, जबकि बंद स्थान, हाल आदि में अधिकतम पचास व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति होगी। आमजन ने उसी शासनादेश के आधार पर होटल-मैरिज हाउस आदि की बुकिंग कराई। फिर 16 अप्रैल को जारी हुए शासनादेश में कहा गया कि शनिवार रात से सोमवार सुबह तक कोरोना कर्फ्यू रहेगा।

कोरोना कर्फ्यू की इस अवधि में आवश्यक सेवाओं को ही अनुमति रहेगी। इसमें शादी-समारोह का कोई जिक्र नहीं किया गया। फिर 29 अप्रैल को एक शासनादेश जारी हुआ, जिसमें संपूर्ण जिला, वार्ड, कस्बा आदि को कंटेनमेंट जोन बनाए जाने की शर्तें थीं। उसमें शादी-समारोह में अधिकतम पचास व्यक्ति और अंतिम संस्कार में अधिकतम बीस व्यक्तियों के शामिल होने का उल्लेख था।

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इधर, हालात बिगड़ते देख सरकार ने पहले कोरोना कर्फ्यू को शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक किया, फिर शुक्रवार रात से मंगलवार और गुरुवार तक विस्तार देने के बाद अब सोमवार सुबह तक बढ़ा दिया है। मगर, इस बीच बीच शादी-समारोह की अनुमति के संबंध में कोई संशोधित शासनादेश जारी नहीं किया गया।

अब 12 और 29 अप्रैल वाले शासनादेश तो अनुमति दे रहे हैं, लेकिन 16 अप्रैल के कोरोना कर्फ्यू  वाले आदेश के मुताबिक, कोई आयोजन नहीं हो सकता। शादी वाले परिवार परेशान हैं, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। वहीं, इस संबंध में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि हालात को देखते हुए सभी को शादी-समारोह टाल देना चाहिए या घर ही घर में शादी कर ली जाए।

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