यूपी सरकार ने धान खरीद में इस बार किसानों के लिए शुरू की कई नई व्यवस्थाएंं, जानें- क्या हैं नई सुविधाएं

उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पहली अक्टूबर से शुरू होने जा रही धान खरीद में इस बार किसानों के लिए कई नई व्यवस्थाएंं की गई हैं। यदि किसान क्रय केंद्र पर उपस्थित नहीं हो सकता है तो वह परिवार के किसी सदस्य को नामित कर सकता है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 08:14 AM (IST)
यूपी सरकार ने धान खरीद में इस बार किसानों के लिए शुरू की कई नई व्यवस्थाएंं, जानें- क्या हैं नई सुविधाएं
उत्तर प्रदेश में धान खरीद में इस बार किसानों के लिए कई नई व्यवस्थाएंं की गई हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पहली अक्टूबर से शुरू होने जा रही धान खरीद में इस बार किसानों के लिए कई नई व्यवस्थाएंं की गई हैं। यदि किसान खुद धान बेचने के लिए क्रय केंद्र पर उपस्थित नहीं हो सकता है तो वह इसके लिए परिवार के किसी सदस्य को पंजीकरण के समय नामित कर सकता है। इस साल धान खरीद में नामित करने की व्यवस्था की गई है। छोटे-मझोले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के लिए सप्ताह में सोमवार से गुरुवार तक क्रय केंद्रों पर हर किसान से अधिकतम 50 क्विंटल धान खरीदा जाएगा। शुक्रवार और शनिवार को 50 क्विंटल से ज्यादा धान बेचने वालों से खरीद की जाएगी। पिछले वर्षों में धान खरीद की अधिकतम सीमा तय नहीं थी।

महीने भर बाद नए क्रय केंद्रों की स्थापना नहीं : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान खरीद पहली अक्टूबर से शुरू होकर और 31 जनवरी तक चलेगी। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में धान खरीद एक नवंबर से चालू होकर 28 फरवरी तक चलेगी। सरकार ने यह भी तय किया है कि इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 अक्टूबर के बाद और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 30 नवंबर के बाद नये क्रय केंद्र नहीं स्थापित किए जाएंगे। पिछले वर्षों में खरीद की पूरी अवधि में जिलाधिकारियों को क्रय केंद्रों को मंजूरी देने की व्यवस्था थी। पिछले साल सरकार ने 3000 क्रय केंद्रों के माध्यम से धान खरीदने का निर्णय किया था लेकिन खरीद पूरी होने तक 4453 क्रय केंद्र खुल चुके थे।

बटाईदार, एफपीओ से खरीद नहीं : इस साल बटाईदार, कांट्रैक्ट फार्मर, पंजीकृत समितियों, कृषक उत्पादक संगठनों/कंपनियों (एफपीओ/एफपीसी) से धान खरीद नहीं होगी। सरकार ने सिर्फ छह एजेंसियों के कुल 4000 क्रय केंद्रों के माध्यम से धान खरीदने का निर्णय किया है इनमें खाद्य विभाग की विपणन शाखा 1100, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ 1500, उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव यूनियन लिमिटेड 600, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद 200, उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ व भारतीय खाद्य निगम 300-300 क्रय केंद्र खोलेंगे।

राइस मिलों में होगा स्टाक सत्यापन : जिलाधिकारी खाद्य विभाग, जिला प्रशासन व क्रय एजेंसियों की टीम गठित कर प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को राइस मिलों को भेजे गए धान, बोरा व निर्मित कस्टम चावल के स्टाक का सत्यापन करेंगे। यदि मिलों में ऐसा धान व चावल मिला जिसका कि हिसाब न दिया जा सके तो दोषी मिल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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