यूपी सरकार ने बनाया 20 जिलों का MSME एक्शन प्लान...ताकि सभी जिलों में बढ़ें औद्योगिक गतिविधियां

यूपी में एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर सभी 75 जिलों में एमएसएमई इकाइयों को प्रोत्साहित करने की तैयारी है। इसके लिए जिस एमएसएमई प्रमोशन एंड एक्सपोर्ट एक्शन प्लान की घोषणा की गई थी वह अब चरणवार लागू किया जाएगा।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 07:30 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 11:35 AM (IST)
यूपी सरकार ने बनाया 20 जिलों का MSME एक्शन प्लान...ताकि सभी जिलों में बढ़ें औद्योगिक गतिविधियां
यूपी के सभी 75 जिलों में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम इकाइयों को प्रोत्साहित करने की तैयारी है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति के साथ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में औद्योगिक विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। सिर्फ औद्योगिक शहर ही नहीं, बल्कि 'एक जिला एक उत्पाद' की तर्ज पर सभी 75 जिलों में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) इकाइयों को प्रोत्साहित करने की तैयारी है। इसके लिए जिस एमएसएमई प्रमोशन एंड एक्सपोर्ट एक्शन प्लान की घोषणा की गई थी, वह अब चरणवार लागू किया जाएगा। 20 जिलों का प्लान तैयार हो चुका है, जिस पर जल्द ही अंतिम मुहर लगने जा रही है।

उत्तर प्रदेश में उद्योग की रीढ़ एमएसएमई इकाइयां ही हैं। लगभग 90 लाख पंजीकृत और गैर-पंजीकृत इकाइयां हैं। सबसे पहले योगी सरकार ने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना लागू कर सभी जिलों को निर्यात की राह दिखाई। एमएसएमई से होने वाले कुल निर्यात में करीब 90 फीसद भागीदारी ओडीओपी की है। इसके साथ ही कुछ माह पहले सभी जिलों के लिए एमएसएमई प्रमोशन एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन एक्शन प्लान तैयार करने की घोषणा की गई थी।

अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ.नवनीत सहगल ने बताया कि उद्यमी सहित संबंधी सभी पक्षों से लिखित सुझाव आदि लेने के बाद सर्वे के आधार पर 20 जिलों का एक्शन प्लान बनाया गया है। बहुत जल्द इसे अंतिम स्वीकृति दिलाकर लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा बाकी जिलों में भी उत्पादों के चयन और जरूरी सुविधाओं के आकलन का काम चल रहा है।

डॉ.नवनीत सहगल ने बताया कि प्रयास है कि जल्द से जल्द उनके एक्शन प्लान को भी तैयार कर लिया जाए। इन योजनाओं का मकसद यही है कि सभी जिलों में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ें। अभी जो भी समस्याएं उद्यमियों व कारोबारियों को आ रही हैं, उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया कराते हुए दूर किया जाए। सहगल ने बताया कि अभी निर्यात लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये का है। विभाग इसे अगले तीन वर्ष में तीन लाख करोड़ रुपये पहुंचाना चाहता है।

नई एमएसएमई नीति भी जल्द : अपर मुख्य सचिव ने बताया कि एमएसएमई की स्थिति पहले से बहुत बदल गई है। अब नई तरह की समस्याएं और जरूरतें हैं। तमाम औद्योगिक संगठनों से लंबा विचार-विमर्श हुआ है। उसी के आधार पर एमएसएमई नीति- 2017 को संशोधित कर नई एमएसएमई नीति भी बहुत जल्द घोषित करने जा रहे हैं।

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