महिला अपराधों के खिलाफ एक्शन में यूपी सरकार, एक वर्ष में 31 आरोपितों को दिलाई गई फांसी की सजा

मिशन शक्ति अभियान के तहत यूपी में एक वर्ष में बालिकाओं व महिलाओं के साथ जघन्य घटनाओं में 31 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गई है। विभिन्न जिलों में चल रहे मुकदमों में 995 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा दिलाने में भी कामयाबी मिली है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:23 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:24 PM (IST)
महिला अपराधों के खिलाफ एक्शन में यूपी सरकार, एक वर्ष में 31 आरोपितों को दिलाई गई फांसी की सजा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को मिशन शक्ति के बेहतर परिणाम मिल रहे हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। महिला सुरक्षा की दिशा में विशेष प्रयास कर रही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को मिशन शक्ति के बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। अभियान के तहत महिलाओं व बालिकाओं के साथ हुए संगीन अपराधों में एक वर्ष में 31 आरोपितों को फांसी की सजा दिलाई गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति की शुरुआत कर महिलाओं व बालिकाओं के साथ होने वाली घटनाओं में कठोर कार्रवाई के साथ-साथ वैज्ञानिक साक्ष्यों की मदद से कोर्ट में प्रभावी पैरवी किए जाने के कड़े निर्देश दिए थे।

अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान व न्याय के लिए मिशन शक्ति अभियान के तहत तीन चरणों में 17 अक्टूबर, 2020 से 31 अक्टूबर, 2021 के मध्य अभियोजन विभाग ने सक्रिय भूमिका अदा की है। अभियान के तहत प्रदेश में इस अवधि के दौरान बालिकाओं व महिलाओं के साथ हुई जघन्य घटनाओं में मजबूत पैरवी के चलते 31 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में चल रहे मुकदमों में 995 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा दिलाने में भी कामयाबी मिली है। इसके अलावा अभियान के तहत विभिन्न न्यायालयों में चल रहे मुकदमों में 1315 आरोपितों को 10 वर्ष तक व उससे अधिक की सजा तथा 2553 आरोपितों को 10 वर्ष से कम की सजा भी दिलाई गई है। वहीं 503 आरोपितों को आर्थिक दंड सं दंडित कराया गया है। 18681 आरोपितों की जमानत भी खारिज कराई गई।

अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मिशन शक्ति के तहत जनवरी, 2020 से अक्टूबर, 2021 के मध्य पाक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस) एक्ट के 1479 मामलों में आरोपितों को सजा दिलाई गई। ऐसे ही दुष्कर्म के 469, अपहण के दो व दहेज हत्या के 428 मामलों समेत बालिकाओं व महिलाओं के साथ हुए अन्य अपराधों में भी दोषियों को सजा सुनिश्चित कराई गई है।

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