UP: किसानों के लिए लगेगी डिजिटल पाठशाला, तकनीक के साथ आर्थिक विकास पर भी रहेगा फोकस

खेतों में हाड़तोड़ मेहनत करने वाले किसानों को नई तकनीक से जोड़ा जाएगा। पशुपालन के क्षेत्र में तकनीकी विकास की ट्रेनिंग भी किसानों को मिलेगी जिससे कम मेहनत में अधिक लाभ मिल सके। डिजिटल पाठशाला से किसानों की आय दो गुनी करने के प्रयास में नया अध्याय जुड़ेगा।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 09:05 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 04:06 PM (IST)
UP: किसानों के लिए लगेगी डिजिटल पाठशाला, तकनीक के साथ आर्थिक विकास पर भी रहेगा फोकस
पहला चरण बस्ती के बनकती बहराइच में मिहिनपुरवा और लखीमपुर खीरी में निघासन में इसकी शुरुआत होगी।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। खेतों में हाड़तोड़ मेहनत करने वाले किसानों को नई तकनीक से जोड़ा जाएगा। पशुपालन के क्षेत्र में तकनीकी विकास की ट्रेनिंग भी किसानों को मिलेगी जिससे कम मेहनत में अधिक लाभ मिल सके। डिजिटल पाठशाला से किसानों की आय दो गुनी करने के प्रयास में नया अध्याय जुड़ेगा। मनरेगा से जुड़े किसानों और मजदूरों को डिजिटल प्रशिक्षण के लिए सामाजिक संगठन इनोटेरा और बेयरफुट कालेज छोटे किसानों के साथ एकीकृत ग्रामीण मूल्य श्रृंखला विकसित करने की शुरुआत हुई है।

ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन और बेयरफुट कालेज इंटरनेशनल ने सूबे में परिवर्तन को लेकर प्रशिक्षण की कार्य योजना को मूर्त रूप दिया है। संस्थाएं राज्य ग्रामीण आजीविका अभियान, उत्तर प्रदेश सरकार मिशन प्रेरणा और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के साथ मिलकर लचीली, संपन्न ग्रामीण कृषि अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए काम करेंगी। मनरेगा के अतिरिक्त आयुक्त योगेश कुमार ने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया बहुत ही सकारात्मक कदम है। इस क्षेत्र में काफी विशेषज्ञता रखने वाले और उत्तर प्रदेश में छोटे किसानों के लिए काम करने वाले संगठनों की एकजुटता में परिवर्तन लाने और आगे बढ़ाने के लिए एक आदर्श निर्माण करने की क्षमता है।

इस साझेदारी से डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) की दिशा में भी काम होगा। सूबे में पहला चरण बस्ती के बनकती बहराइच में मिहिनपुरवा और लखीमपुर खीरी में निघासन में इसकी शुरुआत होगी। इसके बाद धीरे-धीरे इसे विस्तार दिया जाएगा। इस अवसर पर मेगन फालोन ने बताया कि राज्य में फलों के लिए बड़े पैमाने पर समूहों का गठन होगा, जिससे उनके लाभ में बढ़ोतरी होगी। उन्हें नई तकनीक से भी रूबरू कराया जाएगा। अनीश कुमार ने कहा कि इस साझेदारी से किसानों की सामाजिक और आर्थिक उन्नति का रास्ता साफ होगा। कृषि और पशुपालन कौशल विकास पाठ्यक्रम के साथ तकनीकी सहायता भी मिलेगी। इससे संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 

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