Lucknow University: एल्युमिनाई मीट में बाटी की महक में घुलीं चोखी यादें, कटिंग चाय संग खुली किस्सों की किताब

Lucknow University Arts Faculty Alumni Meet विवि आर्ट्स फैकल्टी की एल्युमिनाई मीट में डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा से लेकर नेता और अधिकारियों से साझा किए संस्मरण। खुले आसमान के नीचे अपने राजनैतिक दलों को भूलकर लगे एक-दूसरे के गले और लगाए ठहाके।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 12:05 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 06:16 AM (IST)
Lucknow University: एल्युमिनाई मीट में बाटी की महक में घुलीं चोखी यादें, कटिंग चाय संग खुली किस्सों की किताब
लखनऊ विश्वविद्यालय की आर्ट्स फैकेल्टी की एल्युमिनाई मीट।

लखनऊ, जेएनएन। कंडे की धीमी आग में भुनती बाटी और कड़ाही में भुनते मसाले की खुशबू के बीच माहौल में कुछ तैर रहा था तो सिर्फ मीठी यादें। खुले आसमान के नीचे उन्मुक्त ठहाकों से दो-चार हो रही लखनऊ विश्वविद्यालय की दीवारें भी उन लम्हों में वापस जाना चाह रही थीं, जिन्हें पूर्व छात्र अपने शब्दों में ढालकर बयां कर रहे थे। शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय की आर्ट्स फैकल्टी की एल्युमिनाई मीट थी। 

कटिंग चाय, बसंती के समोसे, सहपाठी की ठिठोली, राजनीति के दावपेंच और गंजिंग की नैनसुख प्राप्ति के किस्सों की किताब जब खुली तो यादों के पन्ने खूब फड़-फड़ाए। लविवि के आंगन से निकलकर कामयाबी के आसमान पर चमकने वाले ये सितारे सिर्फ पूर्व छात्र थे। ठहाकों की महफिल में मंत्री, अफसर और वीआइपी का प्रोटोकाल अपनी जगह नहीं बना पा रहा था। 

कटिंग चाय का कोडवर्ड: किस्सों की किताब खुली तो पहला पन्ना डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा ने पलटा। बताया कि जमशेद की चाय की दुकान पर पूर्व छात्रनेता सरोज तिवारी, मनोज तिवारी समेत अन्य साथी यह इंतजार करते रहते थे कि आज चाय कौन पिलाए। जैसे ही मैं पहुंचता सब मुझ पर टूट पड़ते और छूटते ही बोलते चाय आज डाक्टर पिलाएंगे। मैं भी चालाकी से बोलता, जमशेद चाय जरा अच्छी वाली पिलाना। जमशेद समझ जाता और कुछ देर बाद कटिंग चाय सबको देता। सबके मुंह तो बनते पर बिना मना किए पी जाते थे।  

अखबार में कवरेज नहीं मिला तो बस पर कर दिया पथराव: डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने छात्र मतदाता मंच बनाया था। मंच के तहत एक हफ्ते तक लगातार कार्यक्रम चला। संतोष तिवारी प्रेस नोट लेकर छपवाने के लिए अखबार के दफ्तरों में जाते थे। रोजाना प्रेस नोट भेजा जाता पर जितने दिन कार्यक्रम चला एक-दो दिन ही दो-चार लाइन का कवरेज मिला। इस पर सरोज तिवारी और मनोज तिवारी ने कहा कि हम बताते हैं कैसे कवरेज मिलेगा। अगले दिन विवि में कुछ विवाद हुआ। इसके बाद ये लोग कुलपति आवास के सामने पहुंचे और बसों पर दो पत्थर मार दिए। इसके बाद फोटो समेत अगले दिन समाचारपत्रों में छपे। यह सब छात्र जीवन की यादें थीं, जो अब सोचने मात्र से ही चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान दे जाती हैं। 

बसंती चाची के समोसे और पकौड़े: एक टेबल पर बैठे वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह, प्रेमकांत तिवारी व संजय सिंह, शिव सरन, डा. सुनील तिवारी व अन्य लोग यहां बसंती चाची के समोसे और पकौड़े की चर्चा कर रहे थे। सुरेश बहादुर ने कहा कि बसंती चाची के समोसे और पकौड़े तो बहुत टेस्टी रहते थे पर चटनी बहुत कड़वी रहती थी। 

20 साल बाद एक साल प्रांगण में मिली हाथ पकड़कर झूम उठीं: बेसिक शिक्षा विभाग की अपर शिक्षा निदेशक ललिता प्रदीप, भाजपा से श्वेता सिंह और अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री करीब 20 साल बाद विवि के प्रांगण में एक साथ मिलीं तो एक दूसरे का हाथ पकड़कर झूम उठीं। अपनी पढ़ाई के समय को याद कर खूब ठहाके लगा रहीं थी। 

 

दल अलग, दिल एक: एल्युमिनाई मीट में बरसों बाद मिले सहपाठी आज बदले रूप में थे। कांग्रेस के रमेश श्रीवास्तव को देखकर सपा के एमएलसी अरविंद सिंह के चेहरे पर मुस्कराहट थी तो भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर भी सबसे लपककर मिल रहे थे। श्वेता सिंह, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मनोज तिवारी, अनिल सिंह वीरू, पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा, वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ला की महफिल भी पुरानी बातों से गुलजार थी। विवि से पढ़े उन्नाव में तैनात एडीजे संतोष कुमार यादव एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी और पूर्व छात्र एक दूसरे से खुले आसमान के नीचे गले लगकर ठहाके लगा रहे थे। वर्तमान छात्रों द्वारा दी गई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। इस दौरान कुलपति आलोक कुमार राय ने सभी को बधाई थी। इसके अलावा प्रो. निशी पांडेय, प्रो. नीरज जैन और प्रवक्ता दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव व अन्य लोग मौजूद रहे। 

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