यूपी सहकारिता भर्ती घोटाला : हटाए गए सहकारी बैंक के एमडी भूपेंद्र कुमार, वरुण मिश्रा को अतिरिक्त प्रभार

UP Cooperative Bank Recruitment Scam उत्तर प्रदेश में सहकारिता भर्ती घोटाले में आखिरकार उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक के महाप्रबंधक भूपेंद्र कुमार को हटा दिया गया। भूपेंद्र कुमार को मुख्यालय से संबद्ध करके अपर आयुक्त व निबंधक हाउसिंग बोर्ड वरुण मिश्रा को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 09:15 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 09:15 AM (IST)
यूपी सहकारिता भर्ती घोटाला : हटाए गए सहकारी बैंक के एमडी भूपेंद्र कुमार, वरुण मिश्रा को अतिरिक्त प्रभार
उत्तर प्रदेश में सहकारिता भर्ती घोटाले में आखिरकार उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक के महाप्रबंधक भूपेंद्र कुमार को हटा दिया गया।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में सहकारिता भर्ती घोटाले में आखिरकार उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक के महाप्रबंधक भूपेंद्र कुमार को हटा दिया गया। भूपेंद्र कुमार को मुख्यालय से संबद्ध करके अपर आयुक्त व निबंधक हाउसिंग बोर्ड वरुण मिश्रा को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। कर्मचारी संघ ने भूपेंद्र कुमार को निलंबित करने की मांग को दोहराया है।

सहकारिता भर्ती घोटाले पर एसआइटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई तेज हो गयी है। गत दिनों अपर मुख्य सचिव एमवीएस रामरेड्डी को भी हटाया जा चुका है। सपा व बसपा शासन काल में सहकारिता विभाग व राज्य भंडारण निगम में हुए भर्ती घोटाले की जांच को दबाने की कोशिश भी सफल नहीं हो सकी।

एसआइटी रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल, राम जतन यादव ने भर्तियों के लिए राम प्रवेश यादव की कंप्यूटर एजेंसी एक्सिसडिजीनेट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को बिना किसी विज्ञापन, टेंडर व कोटेशन की प्रक्रिया के परीक्षा के लिए नियुक्त किया था। कंपनी के साथ मिलकर ही ओएमआर शीट्स में हेराफेरी की गई।

इसके साथ ही कंप्यूटर एजेंसी के संचालक ने स्कैनिंग में इस्तेमाल किए गए कंप्यूटर की हार्ड डिस्क को राम जतन के साथ मिलकर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से नष्ट किया। राम जतन ने एक्सिसडिजीनेट को नियुक्त करने के लिए एक अन्य एजेंसी को हटाया था। एसआईटी के अनुसार मंडल के अध्यक्ष ओमकार यादव व सचिव भूपेंद्र कुमार ने कंप्यूटर एजेंसी संचालिका नीलम पांडेय के साथ मिलकर मनमाफिक अभ्यर्थियों के चयन को आसान बनाया। इस एजेंसी के तार भी अध्यक्ष व सचिव से जोड़े जा रहे हैं।

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