UP में तीसरा उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज, विधान परिषद चुनाव के बाद होगा फैसला

Third Dy CM in UP उत्तर प्रदेश में तीसरे उपमुख्यमंत्री की तलाश तेज हो गई है। भाजपा ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में भाजपा को एक और उप मुख्यमंत्री की तलाश है जो राज्य के जातीय समीकरण में फिट बैठे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 12:22 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 04:10 PM (IST)
UP में तीसरा उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज, विधान परिषद चुनाव के बाद होगा फैसला
केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं

लखनऊ, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में 2022 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की तैयारी में तेजी से लगी है। विधान परिषद चुनाव में 12 सीट पर 28 जनवरी को होने मतदान के बाद योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में भी फेरबदल के कयास हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश को एक और उप मुख्यमंत्री मिल सकता है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के मूल निवासी गुजरात कैडर के आइएएस अधिकारी के भी भाजपा में शामिल होने चर्चा जोरों पर है। अपनी सेवा का दो वर्ष का कार्यकाल बाकी रहते स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले इस अधिकारी को पीएम नरेंद्र मोदी का बेहद खास माना जाता है।

उत्तर प्रदेश में तीसरे उपमुख्यमंत्री की तलाश तेज हो गई है। भाजपा राज्य में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में भाजपा को एक और उप मुख्यमंत्री की तलाश है जो राज्य के जातीय समीकरण में फिट बैठे। फरवरी के दूसरे हफ्ते में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में एक फेरबदल हो सकता है। इसी दौरान एक और डिप्टी सीएम को शपथ भी दिलाई जाएगी। फिलहाल केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं।

प्रदेश के योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में जहां कुछ मंत्रियों के पर कतरे जा सकते हैं, वहीं संगठन में काम कर रहे कुछ लोगों को मंत्री पद का दायित्व सौंपा जा सकता है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह इसको लेकर अपना खाका तैयार कर चुके हैं। योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के संभवत: अंतिम फेरबदल में कम से कम दो कैबिनेट मंत्री समेत छह मंत्रियों को सरकार में शामिल किया जाने पर विचार हो गया है।

प्रदेश में विधानसभा उप चुनाव के बाद अब सरकार को विधान परिषद चुनाव परिणामों का इंतजार है। प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव और शिक्षा क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव के बाद अब सदन में भारतीय जनता पार्टी की ताकत और बढ़ चुकी है। ऐसे में कुछ नए मंत्रियों को सरकार में शामिल करना बेहद जरूरी हो गया है।

योगी आदित्यनाथ सरकार से कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है जबकि कुछ के दायित्वों कमी की जाएगी। इस दौरान कुछ अन्य मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। दो कैबिनेट मंत्री की जगह वैसे भी खाली है। इस बार के विस्तार में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में संगठन से लोगों को मौका मिलेगा। संगठन से विद्यासागर सोनकर और विजय बहादुर पाठक में से किसी एक को सरकार में भेजा जा सकता है। पूर्व कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान भी चुनाव जीतकर आई हैं। दूसरी ओर बुलंदशहर सीट से भाजपा विधायक वीरेंद्र सिरोही की पत्नी उषा सिरोही चुनाव जीती हैं। इनमें से भी किसी एक को सरकार में लाया जा सकता है। योगी आदित्यनाथ मंत्रिपरिषद में इस समय कुल 54 मंत्री हैं जिनमें 23 कैबिनेट मंत्री हैं। नौ मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्यमंत्री का दर्जा मिला है। जबकि 22 राज्य मंत्री हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार का पिछला मंत्रिमंडल विस्तार 19 अगस्त 2019 में किया था। 

प्रदेश के निवासी गुजरात कैडर के रिटायर्ड आइएएस अफसर के भाजपा में शामिल होने की चर्चा तेज

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के काजा खुर्द निवासी अरविंद कुमार शर्मा गुजरात कैडर के 1988 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। वह पीएम नरेंद्र मोदी के बेहद खास माने जाते हैं। अभी उनका कार्यकाल करीब दो वर्ष का बाकी था कि उन्होंने बीते वर्ष जुलाई में स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली है। वह इससे पहले एमएसएमई विभाग में सचिव तथा पीएमओ में अतिरिक्त सचिव थे।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव शर्मा ने जुलाई 2022 में निर्धारित समय से पहले सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। पिछले अप्रैल में एमएसएमई में सचिव के रूप में तैनात थे। शर्मा ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ गुजरात में भी सीएम नरेंद्र मोदी के साथ काम किया। वह नरेंद्र मोदी के साथ लंबे समय तक सेवा देने वाले नौकरशाहों में से थे, जब 2001 से नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला।

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