UP Cabinet Meeting: 12 प्रस्तावों पर योगी कैबिनेट की मुहर, चित्रकूटधाम व विंध्यधाम विकास परिषद को मंजूरी

UP Cabinet Meeting लोक भवन में सम्पन्न उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में विंध्यधाम विकास परिषद तथा चित्रकूटधाम विकास परिषद के गठन को मंजूरी मिली है। इन दोनों परिषद के अध्यक्ष सीएम योगी आदित्यनाथ तथा पर्यटन-धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी उपाध्क्ष होंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 03:30 PM (IST) Updated:Sat, 26 Jun 2021 09:09 AM (IST)
UP Cabinet Meeting: 12 प्रस्तावों पर योगी कैबिनेट की मुहर, चित्रकूटधाम व विंध्यधाम विकास परिषद को मंजूरी
धार्मिक स्थलों के विकास के लिए सरकार ने चित्रकूट के विकास का मॉडल तैयार किया

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार का फोकस धार्मिक नगरी में पर्यटन के विकास पर है। इसी क्रम में सरकार लगातार प्रयास में भी लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोक भवन में सम्पन्न उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य, एमएसएमई, पर्यटन, लोक निर्माण आदि विभागों से जुड़े लगभग एक दर्जन प्रस्तावों पर मुहर लगी। विंध्यधाम विकास परिषद तथा चित्रकूटधाम विकास परिषद के गठन को मंजूरी मिली है। इन दोनों परिषद के अध्यक्ष सीएम योगी आदित्यनाथ तथा पर्यटन-धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी उपाध्यक्ष होंगे।

उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास को लेकर योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल ने बड़े प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इस बैठक में 12 प्रस्तावों को पास किया है। जिसमें धार्मिक स्थलों के विकास के लिए सरकार ने चित्रकूट के विकास का मॉडल तैयार किया है। सरकार ने यूपी बृज तीर्थ विकास परिषद के तर्ज पर अब विंध्यधाम विकास परिषद और चित्रकूट धाम विकास परिषद का गठन कर दिया है। सरकार के इस फैसले से विंध्यधाम तथा चित्रकूट धाम को एक धार्मिक स्थल के तौर पर विकसित किया जा सकेगा। इस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।

चित्रकूट और विंध्य धाम के लिए गठित होंगी तीर्थ विकास परिषद : राज्य सरकार श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद और विंध्य धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन के लिए विधानमंडल के मानसून सत्र में विधेयक लाएगी। दोनों परिषदों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। कैबिनेट बैठक में श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद विधेयक, 2021 और उप्र विंध्य धाम तीर्थ विकास परिषद विधेयक, 2021 के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट ने दोनों परिषदों के बारे में भविष्य में आवश्यक निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है।

संबंधित तीर्थ विकास परिषदें चित्रकूट और विंध्य धाम की सभी प्रकार की सांस्कृतिक, पारिस्थितिकीय और स्थापत्य संबंधी विरासत को संरक्षित, विकसित और उनका रखरखाव करने की योजना तैयार करेंगी। योजना को अमली जामा पहनाने के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और निगरानी करेंगी। पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए उच्च स्तरीय पर्यटक अवस्थापना सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बनाकर उन्हें क्रियान्वित कराएंगी। क्षेत्र में एकीकृत पर्यटन विकास और विरासत के संरक्षण व प्रबंधन के लिए संगत नीतियां विकसित करेंगी।

संबंधित जिले के किसी विभाग/ स्थानीय निकाय/प्राधिकरण को क्षेत्र की विरासत से जुड़े संसाधनों को प्रभावित करने वाली किसी योजना, परियोजना या विकास से जुड़े किसी प्रस्ताव के बारे में परामर्श और मार्गदर्शन करेंगी। तीर्थ विकास परिषदों के गठन से चित्रकूट और विंध्य धाम (मीरजापुर) की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगी और दोनों क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

विंध्य क्षेत्र की महत्ता : पुराणों में विंध्य क्षेत्र का वर्णन तपोभूमि के रूप में किया गया है। मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। देश के 51 पीठों में से मां विंध्यवासिनी ही पूर्णपीठ है। मां विंध्यवासिनी देवी का मंदिर विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य गंगा नदी के किनारे है। देवी के लिए दर्शन के लिए यहां पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। चैत्र व शारदीय नवरात्र के अवसर पर यहां देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मां विंध्यवासिनी शक्तिपीठ की सबसे खास बात यह है कि यहां तीन किलोमीटर के दायरे में तीन प्रमुख देवियां विराजमान हैं। कालीखोह पहाड़ी पर महाकाली देवी तथा अष्टभुजा पहाड़ी पर अष्टभुजा देवी विराजमान हैं। दोनों के बीच मां विंध्यवासिनी देवी हैं।

जेवर एयरपोर्ट की भूमि पर नहीं लगेगा स्टांप शुल्क : कैबिनेट बैठक में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के विकास के लिए नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज 1334 हेक्टेयर भूमि संयुक्त उद्यम कंपनी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को लीज पर दिए जाने के लिए स्टांप शुल्क एवं निबंधन शुल्क में छूट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने इस परियोजना के संबंध में समय-समय पर जरूरी निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है। सरकार का यह निर्णय गौतमबुद्धनगर में जेवर के निकट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना में सहायक होगा। इस एयरपोर्ट की स्थापना से आमजन को हवाई सेवा में सुविधा होगी व पूरे क्षेत्र का तेजी से आर्थिक विकास संभव हो सकेगा।

मथुरा आने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगी जाम से निजात : सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सड़क निर्माण से संबंधित लोक निर्माण विभाग के दो प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट ने मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे से वृंदावन के पागल बाबा मंदिर तक अन्य जिला मार्ग को 7.278 किलोमीटर की लंबाई में चौड़ा कर चार लेन बनाए जाने के साथ मार्ग निर्माण के अलाइनमेंट में यमुना नदी पर दो लेन सेतु के निर्माण कार्य के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। निर्माण कार्य की कुल लागत 251.55 करोड़ रुपये है। इस मार्ग से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मथुरा आते हैं। धार्मिक आयोजनों व उत्सवों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण इस मार्ग पर यातायात का दबाव काफी बढ़ जाता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए मार्ग को चौड़ाकर चार लेन में तब्दील किया जा रहा है।

सहारनपुर में चार लेन बाईपास के निर्माण को मंजूरी : सहारनपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-709 बी (चुनहेटी) से अंबाला रोड होते हुए दिल्ली-यमुनोत्री मार्ग पर देवला तक 19.125 किमी की लंबाई में 200.22 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन बाईपास के निर्माण के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह बाईपास बन जाने से सहारनपुर को जाम से मुक्ति मिलेगी और मां शाकुंभरी देवी के दर्शन करने वाले हरियाणा, उत्तराखंड, मुजफ्फरनगर, शामली और मेरठ के श्रद्धालुओं व पर्यटकों की यात्रा सुगम हो जाएगी।

पौधारोपण अभियान में सभी को मिलेंगे मुफ्त पौधे : प्रदेश सरकार ने 30 करोड़ पौधारोपण अभियान के तहत सभी को मुफ्त पौधे देने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लग गई। यानी सभी को वन विभाग की नर्सरी से मुफ्त पौधे दिए जाएंगे। यह निर्णय प्रदेश के पर्यावरणीय लाभ एवं कृषकों की आय बढ़ाने के लिए लिया गया है। सरकार ने केवल यूकेलिप्टस व पापुलर के पौधे ज्यादा न लगें इसलिए इन्हें मुफ्त न देने का निर्णय किया है। यह पौधे वन विभाग की नर्सरियों से सात रुपये प्रति पौधा के हिसाब से दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने मानसून सीजन में 30 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें 10.80 करोड़ पौधे वन विभाग लगाएगा जबकि 19.20 करोड़ पौधे अन्य सरकारी विभाग जन सहभागिता के माध्यम से लगवाएंगे। कोरोना प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए पौधारोपण किया जाएगा। वन विभाग की 1755 पौधशालाओं में 42 करोड़ पौधे तैयार किए जा चुके हैं। वन विभाग को छोड़कर अन्य राजकीय विभागों के पास इस मद में बजट नहीं रहता है। इस कारण वन विभाग प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों एवं अन्य को मुफ्त पौधे उपलब्ध कराएगा।

राजधानी में डा. आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र का रास्ता साफ : लखनऊ में डा. भीमराव आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने लखनऊ में ऐशबाग ईदगाह के सामने खाली पड़ी मौजा भदेवा की 5493.52 वर्ग मीटर नजूल भूमि को डा. आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए संस्कृति विभाग के पक्ष में कुछ शर्तों व प्रतिबंधों के तहत निश्शुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह भूमि सरकार के स्वामित्व में है। सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना पर 45.04 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

6600 सरकारी नलकूपों का होगा कायाकल्प : प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थापित 6600 सरकारी नलकूपों का कायाकल्प होगा। इन नलकूपों की जल वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण और उपकरणों को बदलने की परियोजना के लिए 285.79 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर कैबिनेट बैठक में मुहर लगा दी गई है। परियोजना के पूरा होने पर 11.53 हेक्टेयर प्रति नलकूप की दर से लगभग 76082 हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना होगी और लगभग 70,000 किसान परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। परियोजना को वर्ष 2020-21 से शुरू कर 2022-23 तक पूरा करने का प्रस्ताव है।

102 एंबुलेंस सेवा को दिया 47.39 करोड़ का राहत पैकेज : प्रदेश में बच्चों व महिलाओं को अस्पताल लाने व ले जाने के लिए चलाई जा रही 102 एंबुलेंस सेवा आगे भी बेहतर ढंग से संचालित होती रहे, इसके लिए उसे 47.39 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया गया है। 102 एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही जीवीकेईएमआरआइ कंपनी द्वारा अनुबंध की शर्तों में राहत मांगी गई थी। बीते वर्ष मार्च से लेकर जून 2020 तक कोरोना महामारी के कारण लाकडाउन के दौरान गतिविधियां पूरी तरह ठप थीं, ऐसे में कंपनी को नुकसान हुआ था। फिलहाल उसे राहत दे दी गई। 

एडवांस आप्थेल्मिक सेंटर के निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृति : संजय गांधी पीजीआइ में निर्माणाधीन एडवांस आप्थेल्मिक (नेत्र संबंधित) सेंटर एवं सर्विस ब्लाक के निर्माण कार्य के लिए व्यय वित्त समिति ने 61.39 करोड़ की धनराशि स्वीकृति की गई है। यहां पार्किंग, सेमिनार हाल, मीटिंग रूम, लैब व लाइब्रेरी आदि के निर्माण में फ्लोरिंग, ग्लास डोर इत्यादि को शामिल करने के बाद बढ़ी लागत को मंजूरी दे दी गई है। इस एडवांस सेंटर के बनने से कार्निया ट्रांसप्लांट आसानी से हो सकेगा। उधर, डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के गोमती नगर विस्तार में बन रहे नए परिसर में बिजली कनेक्शन के लिए 4.77 करोड़ रुपये को पहले चरण के निर्माण कार्यों के बजट में शामिल करते हुए कुल दो अरब चार करोड़ के पुनरीक्षित बजट को मंजूरी दी गई।

लघु उद्योग निगम के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान : योगी सरकार ने उप्र लघु उद्योग निगम के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रम में लाभ देने का फैसला किया है। शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

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