केंद्र सरकार का गरीब सवर्ण आरक्षण संबंधी फैसला यूपी में हूबहू लागू, 14 जनवरी से ही प्रभावी

गरीब सवर्ण को दस फीसद आरक्षण के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई है। लोक भवन में आज योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश में भी लागू करने को हरी झंडी प्रदान कर दी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 02:05 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jan 2019 09:32 AM (IST)
केंद्र सरकार का गरीब सवर्ण आरक्षण संबंधी फैसला यूपी में हूबहू लागू, 14 जनवरी से ही प्रभावी
केंद्र सरकार का गरीब सवर्ण आरक्षण संबंधी फैसला यूपी में हूबहू लागू, 14 जनवरी से ही प्रभावी

लखनऊ, जेएनएन।  गुजरात और झारखंड के बाद योगी सरकार ने भी गरीब सवर्णों को दस फीसद आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी। अब उत्तर प्रदेश में भी सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश में दस फीसद आरक्षण मिलेगा। राज्य सरकार ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा पिछली 12 जनवरी को जारी की गई अधिसूचना को हूबहू लागू करने का फैसला किया है। लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में इसके समेत कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

फैसला 14 जनवरी, 2019 से प्रभावी 

राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में यह फैसला 14 जनवरी, 2019 से प्रभावी किया गया है। यह प्रक्रिया आरक्षण के किसी संवर्ग में बिना कोई छेड़छाड़ किये लागू होगी। संसद में सामान्य वर्ग के गरीबों के आरक्षण संबंधी 124वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित हुआ था, जिसे राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी है। यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत किया गया है, इसीलिए इसे राज्यों की विधानसभा से पारित कराने की जरूरत नहीं है। योगी की कैबिनेट ने केंद्र के फैसले को ही क्रियान्वित करने का कदम उठाया है। 

आठ लाख तक कमाई वाले परिवार को लाभ

सामान्य वर्ग को दस फीसद आरक्षण दिये जाने के लिए केंद्र सरकार ने पैमाना तय किया है। इसके तहत सालाना आठ लाख रुपये तक की कमाई वाले परिवार को लाभ मिलेगा। यह सिर्फ केंद्र सरकार से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों और केंद्रीय नौकरी में ही अनिवार्य रूप से लागू होगा। राज्यों को इससे छूट दी गई है। उन्हें अपनी जरूरत व स्थिति के हिसाब से इसे कम-ज्यादा करने का अधिकार दिया गया है। हालांकि योगी सरकार ने केंद्र के ही फैसले को यथावत लागू करने को कहा है। 

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