UP Budget 2021-22: लखनऊ KGMU में बनेगी देश की दूसरी BSL-4 Lab, महामारी से लड़ने में मिलेगी मदद

यूपी बजट में सीएम योगी ने केजीएमयू में हाई कंटेनमेंट लैबोरेट्री बायोसेफ्टी लेवल-4 (बीएसएल-4) लैब की स्थापना का ऐलान करके उन्होंने यह दिखा दिया कि उत्तर प्रदेश किसी भी विश्वव्यापी महामारी से डरने वाला नहीं है और हर चुनौतियों को स्वीकार करने को तैयार है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 02:21 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 06:23 PM (IST)
UP Budget 2021-22: लखनऊ KGMU में बनेगी देश की दूसरी BSL-4 Lab, महामारी से लड़ने में मिलेगी मदद
एसजीपीजीआइ लखनऊ को मिला इनफेक्शियस डिजीज एंड वैक्सीन रिसर्च व मधुमेह लैब का तोहफा।

लखनऊ [धर्मेंद्र मिश्रा]। पीएम मोदी की ही तरह हर जटिल परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करने और उसका समाधान खोज निकालने की जीवट प्रतिभा रखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को पेश हुए राज्य के बजट में स्वास्थ्य सेवाओं पर जमकर धन वर्षा की। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में हाई कंटेनमेंट लैबोरेट्री बायोसेफ्टी लेवल-4 (बीएसएल-4) लैब की स्थापना का ऐलान करके उन्होंने यह दिखा दिया कि उत्तर प्रदेश किसी भी विश्वव्यापी महामारी से डरने वाला नहीं है और हर चुनौतियों को स्वीकार करने को तैयार है। 

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी (एनआइवी) पुणे के बाद केजीएमयू में स्थापित होने वाली यह देश की दूसरी बीएसएल-4 लैब होगी। जहां दुनिया की रेयरेस्ट आफ रेयर डिजीज (अति दुर्लभ प्रकार की) की जांच, उसके कारण व समाधान पर विस्तृत शोध किया जाएगा। इसमें कोरोना से भी खतरनाक माने जाने वाले जीका, मीका, निपाह जैसे वायरस की भी जांच किया जाना संभव होगा। इसके साथ ही सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम, एवियन, स्वाइनफ्लू इन्फ्लूएंजा, कोरोनावायरस इत्यादि सभी जांच की जा सकेगी। यहां पर स्वास्थ्य कर्मियों को हाईकोस्ट ट्रेनिंग भी दी जाएगी। 

एसजीपीजीआइ को मिली इनफेक्शियस डिजीज एंड वैक्सीन रिसर्च लैब: स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूत करने के लिए संजय गांधी पीजीआइ में इनफेक्शियस डिजीज एंड वैक्सीन रिसर्च लैब की स्थापना का ऐलान भी किया गया है। एसजीपीजीआइ में प्रशासन ने इस लैब की स्थापना का प्रस्ताव शासन को भेजा था। जिस पर योगी सरकार ने मुहर लगा दी। इसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा। यह प्रदेश की पहली लैब होगी, जहां पर संक्रामक बीमारियों की जांच एवं वैक्सीन की खोज पर शोध किया जाएगा। मधुमेह लैब का भी तोहफा: एसजीपीजीआइ को मधुमेह लैब का भी तोहफा दिया गया है। प्रदेश के किसी भी संस्थान में यह लैब अभी नहीं है। इस लैब की स्थापना होने से मधुमेह रोगियों की मुश्किलें आसान होंगी। यहां मधुमेह के अत्याधुनिक कारणों व समाधान पर शोध किया जाएगा। 

अटल चिकित्सा विश्वविद्यालय को मिले 100 करोड़: लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय को भी 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस संस्थान के अंतर्गत प्रदेश के 60 सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज आएंगे। एक तरीके से यह गवर्निंग चिकित्सा विश्वविद्यालय होगा। 

केजीएमयू कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने बताया कि बायोसेफ्टी लेवल-4 लैब का मिलना केजीएमयू के लिए सबसे बड़े गर्व का विषय है। इसके लिए हम प्रस्ताव तैयार कर चुके हैं। जल्द ही इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा। यह देश की दूसरी बीएसएल-4 लैब होगी।

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एसजीपीजीआइ विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी डॉ उज्ज्वला घोषाल ने बताया कि इनफेक्शियस डिजीज एंड वैक्सीन रिसर्च के लिए प्रस्ताव सरकार को दिया था। अब इसे मंजूरी मिल गई है। यहां पर संक्रामक बीमारियों की जांच एवं उसके समाधान के लिए वैक्सीन डेवलपमेंट पर शोध किया जाएगा। मधुमेह लैब में शुगर की बीमारी को नियंत्रित करने व उसके समाधान संबंधी शोध किए जाएंगे।

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