UP Board Result 2021: भाजपा सरकार ने पलटा रिजल्ट का पैटर्न, जानें- 2018 से अब तक क्या हुए बदलाव

UP Board Result 2021 यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2021 के परिणाम प्रतिशत में ही रिकार्ड नहीं बना है बल्कि भाजपा शासन के दौरान की सभी परीक्षाएं यादगार रही हैं। परीक्षा परिणाम का पैटर्न तक बदल गया।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:04 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 12:05 AM (IST)
UP Board Result 2021: भाजपा सरकार ने पलटा रिजल्ट का पैटर्न, जानें- 2018 से अब तक क्या हुए बदलाव
भाजपा शासन के दौरान यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम का पैटर्न तक बदल गया।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। UP Board 10th, 12th Result 2021: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2021 के परिणाम प्रतिशत में ही रिकार्ड नहीं बना है, बल्कि भाजपा शासन के दौरान की सभी परीक्षाएं यादगार रही हैं। परीक्षा परिणाम का पैटर्न तक बदल गया, हर बार सफलता प्रतिशत में अव्वल रहने वाले इंटर के परीक्षार्थी हाईस्कूल से पीछे हो गए, जो अब तक आगे नहीं निकल सके हैं। शिक्षा माफिया का वर्चस्व तोड़ने के लिए केंद्रों का निर्धारण आनलाइन हुआ तो नकल माफिया के खात्मे के लिए सीसीटीवी व वायस रिकार्डर की निगरानी में परीक्षाएं कराई गईं। सख्ती का आलम यह रहा कि 2018 में 10 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने इम्तिहान छोड़ दिया था।

भाजपा की मौजूदा सरकार का पांचवां यूपी बोर्ड परिणाम कोरोना काल में बिना परीक्षा घोषित हुआ। वैसे 2017 में परीक्षाएं पुराने नियमों से ही हुई थी। अगले साल बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित होने से पहले 2022 के विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। योगी सरकार ने शिक्षा के साथ ही बोर्ड परीक्षा में व्यापक बदलाव किए। इंटर परीक्षा में एक विषय में फेल होने वालों को कंपार्टमेंट की सुविधा, स्क्रूटनी के लिए आनलाइन आवेदन लिए गए। बोर्ड में पहली बार एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू हुआ और नए कालेजों को आनलाइन मान्यता देने का प्रविधान हुआ।

2018 की परीक्षा का केंद्र निर्धारण पहली बार आनलाइन कराया गया। इससे केंद्रों की संख्या तेजी से घटी, जबकि छात्र-छात्राओं की संख्या करीब छह लाख अधिक थी। 2019 में केंद्र महज 7784 रह गए थे। परीक्षा केंद्र घटने व उनके निरीक्षण से नकल पर अंकुश लगा। 2018 से ही परीक्षाएं सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हुई। इंटर के प्रैक्टिकल भी सीसीटीवी के सामने हुए।

2019 की बोर्ड परीक्षा में पहली बार सीसीटीवी के साथ वायस रिकार्डर लगाए गए, ताकि बोलकर नकल न कराई जा सके। वहीं, 2020 से परीक्षा केंद्रों की वेबकास्टिंग शुरू हुई, ताकि अफसर भी सुदूर केंद्र में क्या हो रहा है देख सकें। इसके लिए परीक्षा केंद्रों में राउटर और हाईस्पीड इंटरनेट तक लगाए गए। परीक्षा केंद्रों की निगरानी के राज्य स्तरीय मानीटरिंग सेल बना। सिर्फ इस साल कोरोना के कारण परीक्षा नहीं हो सकी।

11 बरस के परिणाम पर नजर वर्ष : हाईस्कूल : इंटर 2010 : 70.79 : 80.54 2011 : 70.82 : 80.14 2012 : 83.75 : 89.40 2013 : 86.63 : 92.68 2014 : 86.71 : 92.21 2015 : 83.74 : 88.83 2016 : 87.66 : 87.99 2017 : 81.18 : 82.62 2018 : 75.16 : 72.43 2019 : 80.07 : 70.06 2020 : 83.31 : 74.63 2021 : 99.53 : 97.88

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