UP Board Result 2021: यूपी बोर्ड ने रिजल्ट में नहीं बताया उत्तीर्ण फार्मूले से कक्षावार कितने प्रतिशत अंक मिले

UP Board Result 2021 यूपी बोर्ड के वर्ष 2021 के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के रिजल्ट बिना परीक्षा के जारी करने के लिए फार्मूला तय हुआ लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शनिवार को जारी रिजल्ट में उस फार्मूले के तहत कक्षावार कितने प्रतिशत अंक शामिल किए यह नहीं बताया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:54 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:56 PM (IST)
UP Board Result 2021: यूपी बोर्ड ने रिजल्ट में नहीं बताया उत्तीर्ण फार्मूले से कक्षावार कितने प्रतिशत अंक मिले
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के वर्ष 2021 के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के रिजल्ट।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। UP Board 10th, 12th Result 2021: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के वर्ष 2021 के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के रिजल्ट बिना परीक्षा के जारी करने के लिए फार्मूला तय हुआ। फार्मूला उस समय सार्वजनिक भी किया गया जब पंजीकृत छात्र-छात्राओं के पिछली परीक्षाओं के अधिकांश अंक वेबसाइट पर अपलोड हो गए थे। विभाग के अफसर यह भी दावा कर रहे हैं कि उनके फार्मूले को सीबीएसई सहित कई अन्य बोर्डों ने भी अपनाया। लेकिन, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शनिवार को जारी रिजल्ट में उस फार्मूले के तहत कक्षावार कितने प्रतिशत अंक शामिल किए, यह नहीं बताया है।

यूपी बोर्ड से संबद्ध कालेजों का 10वीं व 12वीं का रिजल्ट इस बार बिल्कुल अलग है, क्योंकि परिणाम विद्यार्थियों के पिछले प्रदर्शन पर आधारित है। इसे तैयार करने के लिए विभाग को खूब जूझना पड़ा, क्योंकि बोर्ड मुख्यालय पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पिछली परीक्षाओं के अलावा इस वर्ष की प्रायोगिक व आंतरिक परीक्षाओं के ही अंक उपलब्ध थे। 9वीं, 11वीं की वार्षिक, अर्धवार्षिक व प्रीबोर्ड के अंक कालेजों से मंगाए गए थे। वेबसाइट शुरू करके कम समय में यह कार्य पूरा हुआ। इसी के बाद रिजल्ट का फार्मूला बना। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने तय फार्मूले को खूब प्रचारित किया।

दोनों परीक्षाओं का रिजल्ट देते समय संबंधित कक्षाओं का जिक्र है लेकिन, कितने प्रतिशत अंकों से रिजल्ट बना ये गायब हो गया है। इसकी वजह यह है कि रिजल्ट के बाद यदि विवाद होता है तो अफसर बचे रहें। इसीलिए सुरक्षित रास्ता चुना गया है। यहां तक कि परिणाम की घोषणा करने के लिए अफसर मीडिया के सामने नहीं आए, सिर्फ चंद आंकड़े दे दिए गए। इतना ही नहीं, यूपी बोर्ड के माध्यमिक कालेजों में विद्यार्थियों को किस तरह आंख मूंदकर प्रवेश दिया जाता है, रिजल्ट ने उसे भी सामने ला दिया। हाईस्कूल का अंकपत्र बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का त्रुटिपूर्ण और फर्जी मिला है, इसीलिए उसका रिजल्ट प्रतिशत कम है।

ये फार्मूला बना था

10वीं के लिए 9वीं के 50 प्रतिशत व 10वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा के 50 प्रतिशत अंक शामिल करना। 12वीं के लिए 10वीं के 50 प्रतिशत, 11वीं के 40 व 12वीं प्री-बोर्ड परीक्षा के 10 प्रतिशत अंक शामिल करना।

परिणाम में ये रहा 10वीं के लिए 9वीं की वार्षिक परीक्षा और 10वीं की प्रीबोर्ड परीक्षा के प्राप्तांक से। 12वीं के लिए 10वीं की बोर्ड परीक्षा, 11वीं वार्षिक या अर्धवार्षिक परीक्षा, 12वीं प्रीबोर्ड परीक्षा के प्राप्तांक से।

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