दो अन्य मानव तस्करों के करीब यूपी एटीएस, बांग्लादेशी व रोहिंग्या के फर्जी दस्तावेज भी बनवाते थे

यूपी के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के हाथ मानव तस्कर गिरोह के दो अन्य सक्रिय सदस्यों के बारे में अहम सुराग लगे हैं। यह दोनों बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों की पहचान बदलकर उन्हें विदेश भेजने और उनके फर्जी दस्तावेज बनवाने में मदद करते थे।

By Dharmendra MishraEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 09:58 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 01:48 PM (IST)
दो अन्य मानव तस्करों के करीब यूपी एटीएस, बांग्लादेशी व रोहिंग्या के फर्जी दस्तावेज भी बनवाते थे
बंग्लादेशी और रोहिंग्या के फर्जी दस्तावेज बनवाने वाले दो मानव तस्करों के करीब यूपी एटीएस।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। यूपी के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के हाथ मानव तस्कर गिरोह के दो अन्य सक्रिय सदस्यों के बारे में अहम सुराग लगे हैं। यह दोनों बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों की पहचान बदलकर उन्हें विदेश भेजने और उनके फर्जी दस्तावेज बनवाने में मदद करते थे। मानव तस्कर गिरोह के सदस्यों से बीते दिनों हुई पूछताछ के दौरान एटीएस को कई अहम जानकारियां मिली थीं, जिनके आधार पर आगे की छानबीन की जा रही है।

बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों को अवैध घुसपैठ कराने के बाद उन्हें हिंदू नामों से यूरोप के देशों में भेजने वाले गिरोह की छानबीन चल रही है। एटीएस घुसपैठियों के फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनके आधार कार्ड व ऐसे अन्य दस्तावेजों से लेकर पासपोर्ट बनवाने में मददगार रहे युवकों की भी तलाश कर रही है।

सूत्रों का कहना है कि इनमें प्रदेश के निवासी दो युवकों की भूमिका सामने आने के बाद उनकी तलाश तेज की गई है। इनमें अलीगढ़ का निवासी एक युवक गिरोह के सक्रिय सदस्य रोहिंग्या मु.जमील के सीधे संपर्क में था। उल्लेखनीय है कि एटीएस ने जमील को पश्चिम बंगाल से पकड़ा था और जमील के अलीगढ़ कनेक्शन सामने आए थे। जमील ने अपने कई फर्जी दस्तावेज भी अलीगढ़ के पते पर बनवाए थे। वहीं इस मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली एयरपोर्ट पर काम करने वाले अजय घिल्डियाल से मिली जानकारियों के आधार पर भी कई संदिग्धों की छानबीन की जा रही है। एटीएस ने 26 अक्टूबर को मिथुन मंडल व तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर मानव तस्कर गिरोह का राजफाश किया था। जिसके बाद गिरोह के कई अन्य सक्रिय सदस्य पकड़े जा चुके हैं।

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