UP ATS ने 50 हजार के इनामी असलहा तस्कर को झारखंड में दबोचा, नक्सलियों को भी करता था सप्लाई

यूपी एटीएस की बड़ी सफलता फर्जी लाइसेंस पर कानपुर से खरीदता था असलहे। 50 हजार का था इनाम ट्रांजिट रिमांड पर लाया जा रहा । रविवार को लखनऊ की कोर्ट में पेश किए जाने की तैयारी है।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 01:27 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 06:15 AM (IST)
UP ATS ने 50 हजार के इनामी असलहा तस्कर को झारखंड में दबोचा, नक्सलियों को भी करता था सप्लाई
यूपी एटीएस की बड़ी सफलता : फर्जी लाइसेंस पर कानपुर से खरीदता था असलहे।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कूटरचित दस्तावेजों के जरिये तैयार फर्जी शस्त्र लाइसेंसों पर कानपुर से असलहे खरीदकर सप्लाई करने वाले तस्कर राजकिशोर राय को आखिरकार आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार कर लिया। उसकी लंबे समय से तलाश की जा रही थी। 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। एटीएस ने राजकिशोर को झारखंड के देवघर जिले से पकड़ा है। वह नक्सलियों को भी असलहों की सप्लाई करता था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है। 

रविवार को लखनऊ की कोर्ट में पेश किए जाने की तैयारी है। राजकिशोर के नक्सली कनेक्शन की भी छानबीन की जा रही है। एटीएस अधिकारियों को उम्मीद है कि उससे पूछताछ में इससे जुड़े बड़े राज सामने आ सकते हैं।

एटीएस के आइजी जीके गोस्वामी के अनुसार मूलरूप से बिहार के निवासी राजकिशोर राय के विरुद्ध लखनऊ के एटीएस थाने में धोखाधड़ी व आम्र्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज था। वह वर्तमान में बिहार के मुंगेर जिले में रह रहा था। एटीएस ने 25 जुलाई, 2017 को कानपुर से चार शस्त्र लाइसेंस विक्रेताओं को गिरफ्तार किया था। आरोपितों से पूछताछ में सामने आया था कि राजकिशोर बिहार में बने फर्जी शस्त्र लाइसेंस लेकर आता था और उन पर कानपुर से असलहे खरीदकर ले जाता था। जांच में सामने आया था कि कानपुर से खरीदे गए असलहों की सप्लाई बिहार व झारखंड में की जाती थी। दलालों की मदद से राजकिशोर ट्रांजिट लाइसेंस बनवाकर आसानी से असलहे खरीदकर ले जाता था। यहां तक कि वह कई असलहे बिना ट्रांजिट लाइसेंस के खरीदकर भी ले गया था। 

एटीएस अधिकारियों के अनुसार राजकिशोर ने इंडियन आर्डिनेंस फैक्ट्री से 0.315 बोर की चार रायफल व 40 कारतूस, पूर्वांचल गन हाउस से एक दोनाली बंदूक तथा एके नियोगी एंड कंपनी से 12 बोर की बंदूक व 10 कारतूस खरीदे थे। मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद से ही एटीएस राजकिशोर की तलाश कर रही थी। वह करीब चार वर्षों से देवघर के लक्ष्मीपुर चौक के पास किराये का मकान लेकर रह रहा था। 

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