सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बड़ा सियासी दांव, किसान आंदोलन में मरे किसानों के स्वजन को 25 लाख देने का वादा

UP Assembly Election 2022 सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि उनके सत्ता में आते ही किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को 25 लाख की सहायता देंगे। कहा कि किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो अन्य के जीवन के लिए अन्न उगाता है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 04:30 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 08:16 PM (IST)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बड़ा सियासी दांव, किसान आंदोलन में मरे किसानों के स्वजन को 25 लाख देने का वादा
अखिलेश यादव का ऐलान किया कि सपा की सरकार बनते ही आंदोलन में शहीद किसान परिवारों को देंगे 25 लाख।

लखनऊ, जेएनएन। तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद भी राजनीतिक दल यूपी विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी भी इस मुद्दे को आगामी विधानसभा चुनाव में जीवित रखना चाहती है। छोटे दलों के साथ गठबंधन को अंतिम रूप देने में जुटे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को बड़ा सियासी दांव चलते हुए किसान आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये देने का वादा किया।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि 'किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो 'अन्य' के जीवन के लिए 'अन्न' उगाता है। हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की 'किसान शहादत सम्मान राशि' दी जाएगी।'

किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो ‘अन्य’ के जीवन के लिए ‘अन्न’ उगाता है। हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की ‘किसान शहादत सम्मान राशि’ दी जाएगी। #किसान

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 24, 2021

वहीं, अखिलेश यादव ने दिन में पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं से कहा कि भाजपा लोकतंत्र को हराना चाहती है। भाजपा की नीतियां जनहित विरोधी हैं। उससे लोग ऊब गए हैं। भाजपा की रणनीति जनता के वोट काटने की रही है। वह फर्जी वोट बनाकर चुनाव की पवित्रता नष्ट करना चाहती है। वह सत्ता की भूखी है और सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि बूथ पर निगरानी रखने में कोई कोताही न करें।

बता दें कि तीनों कृषि कानून की वापसी की घोषणा के बाद से ही किसान आंदोलन में मृत किसानों के मुआवजे की मांग उठ रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कानून वापसी के बाद पीएम मोदी को पत्र लिखकर कई मांग की थी। इसमें कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन के के दौरान मरने वाले किसानों के परिवार के लिए मुआवजे की मांग शामिल थी। पिछले दिनों लखनऊ में हुई किसान महापंचायत में भी संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि  सिर्फ तीन कानून वापस लेने से आंदोलन खत्म नहीं होगा और भी ज्वलंत मुद्दे हैं उनका निस्तारण जरूरी है।

किसानों मांगों को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लगातार भाजपा के खिलाफ हमलावर रहे हैं। इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि अमीरों की भाजपा ने भूमि अधिग्रहण और काले कानूनों से गरीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-कानून वापस ले ही लिए। भाजपा बताए सैकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सजा कब मिलेगी।

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