UP Assembly Election 2022: CM योगी आदित्यनाथ सहित दिग्गजों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में BJP

BJP in UP Assembly Election 2022 प्रदेश में 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने की ओर है। बसपा ने अकेले मैदान में उतरने की घोषणा की है समाजवादी पार्टी भी व राष्ट्रीय लोकदल व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ अन्य छोटे दल को लेकर मैदान में उतरेगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 02:43 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 04:36 PM (IST)
UP Assembly Election 2022: CM योगी आदित्यनाथ सहित दिग्गजों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में BJP
भाजपा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही अन्य दिग्गजों को भी विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 403 में से 300 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य तैयार किया है। इसको लेकर बेहद गंभीर भाजपा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही अन्य दिग्गजों को भी विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है।

सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही अन्य दिग्गज की विधान परिषद सदस्य हैं, इनका कार्यकाल भी अधिक लम्बा नहीं है। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही दोनों डिप्टी सीएम और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल भी सितम्बर 2022 तक ही है। इसी कारण से भाजपा ने इन सभी को चुनावी अखाड़े में उतारने का मन बना लिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर या फिर अयोध्या की किसी सीट से उतारा जाएगा।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को कौशाम्बी की सिराथू, डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा को लखनऊ में लखनऊ पश्चिमी सीट से लड़ाया जा सकता है। यह सीट विधायक सुरेश श्रीवास्तव के कोरोना संक्रमण से निधन होने के कारण अभी खाली ही है। कैबिनेट मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह को भी प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से मैदान में उतारने की तैयारी है। यहां से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया लगातार पांच बार से निर्दलीय विधायक हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव को बुंदेलखंड का मोर्चा दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने की ओर है। बसपा ने जहां अकेले मैदान में उतरने की घोषणा की है, वहीं समाजवादी पार्टी भी व राष्ट्रीय लोकदल व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ अन्य छोटे दल को लेकर मैदान में उतरेगी। कांग्रेस ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उसको किसी के साथ ही गठबंधन करने से परहेज नहीं है। ऐसे में भाजपा ने भी विधान परिषद सदस्यों को चुनावी अखाड़े में उतारने का बड़ा प्लान बनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर या अयोध्या की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और दिनेश शर्मा भी चुनाव लड़ेंगे। इनके साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह व भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी विधानसभा चुनाव में ताल ठोकेंगे।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद 18 सितंबर 2017 से वह विधान परिषद सदस्य हैं। इसी तरह केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा ने भी 19 मार्च 2017 को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और सितंबर 2017 से विधान परिषद सदस्य हैं। डॉ. महेंद्र सिंह 2012 से लगातार विधान परिषद के सदस्य हैं जबकि स्वतंत्र देव सिंह ने भी सितंबर 2017 में विधान परिषद सदस्य के रूप में शपथ ली थी।

केंद्रीय नेतृत्व के इस फैसले के बाद यह माना जा रहा है कि भाजपा स्पष्ट करना चाहती है कि बैक डोर से विधान सभा पहुंचने और सीएम, डिप्टी सीएम व मंत्री बनने से कई स्थानीय नेताओं में उत्साह कम दिखाई पड़ रहा। दिग्गजों के मैदान में उतरने से स्थानीय राजनीति में गुटबाजी खत्म हो जाएगी। सभी दिग्गज अपने चुनाव के साथ-साथ अन्य विधानसभा के चुनाव में भी कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्या में जुटाने का कार्य करेंगे।

भाजपा ने एमएलसी कोटे से बने कैबिनेट मंत्री को विधानसभा चुनावलड़ने की तैयारियों में लगने के लिए कह दिया है। इसी बीच अयोध्या से भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अयोध्या में अपनी सीट खाली करने की घोषणा भी कर दी है। उन्होंने कहा कि मैं तो अपनी सीट खाली करने को 2017 से प्रतीक्षा में हूं। मैंने तो 2017 में कहा था कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विधानसभा या विधान परिषद सदस्य बनना था। अगर मुख्यमंत्री अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं सभी लोगों का बड़ा सौभाग्य होगा। 

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