यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव कल, 37 साल बाद आई मतदान की नौबत; सत्र के दौरान होगी वोटिंग

उत्तर प्रदेश में सत्रहवीं विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए सोमवार को होने जा रहे विधानसभा सत्र में चुनाव होगा। दो प्रत्याशियों के नामांकन करने से उत्तर प्रदेश विधानसभा में 37 साल बाद उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान की नौबत आई है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 09:26 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 09:27 PM (IST)
यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव कल, 37 साल बाद आई मतदान की नौबत; सत्र के दौरान होगी वोटिंग
उत्तर प्रदेश में सत्रहवीं विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए सोमवार को होने जा रहे विधानसभा सत्र में चुनाव होगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में सत्रहवीं विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए सोमवार को होने जा रहे विधानसभा सत्र में चुनाव होगा। हरदोई सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक और भारतीय जनता पार्टी समर्थित नितिन अग्रवाल ने रविवार को उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया। उससे पहले सीतापुर की महमूदाबाद सीट के सपा विधायक नरेंद्र वर्मा ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया। दो प्रत्याशियों के नामांकन करने से उत्तर प्रदेश विधानसभा में 37 साल बाद उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान की नौबत आई है। उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान सुबह 11 बजे मतदान शुरू होगा। चुनाव में क्रास वोटिंग के भी आसार हैं।

रविवार सुबह 11.25 बजे सपा प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा ने विधान भवन के राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन सभागार में प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे के समक्ष नामांकन पत्र प्रस्तुत किया। उनके साथ विधानसभा में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी, सपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल, सपा के कई विधायक और बसपा के छह बागी विधायक भी मौजूद थे।

दोपहर 12.20 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, कानून मंत्री ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह व भाजपा के कई विधायकों के साथ टंडन सभागार पहुंचे नितिन अग्रवाल ने नामांकन पत्र दाखिल किया। नितिन अपने पिता व पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल के साथ मार्च 2018 में भाजपा में शामिल हुए थे। दल बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए नेता विरोधी दल की ओर से दी गई याचिका को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बीते दिनों खारिज कर दिया था। इस तरह वह भाजपा में शामिल होकर भी सपा में बने हुए हैं।

ऐसे होगी मतदान प्रक्रिया : उपाध्यक्ष पद के लिए सोमवार को होने वाले मतदान में विधानसभा मंडप में जिलेवार सदस्यों के नाम पुकारे जाएंगे। सदस्य बारी-बारी से आकर विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने लगी मत पेटिका में वोट डालेंगे। मतदान के बाद वोटों की गिनती होगी और उसके आधार पर उपाध्यक्ष के निर्वाचन की घोषणा की जाएगी।

संख्या बल में भाजपा भारी : सत्रहवीं विधानसभा में इस समय 396 निर्वाचित सदस्य हैं। इनमे भाजपा के 304 और सपा के 49 सदस्य हैं। सात सीटें रिक्त हैं। संख्या बल के आधार पर चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी नितिन अग्रवाल की जीत तय है। हालांकि चुनाव में क्रास वोटिंग की भी संभावना है।

उपाध्यक्ष पद के लिए 1984 में हुआ था चुनाव : परंपरा के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष और उपाध्यक्ष का पद मुख्य विपक्षी दल का होता है। सामान्य तौर पर उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होता है लेकिन इस परंपरा के अपवाद के तौर पर अतीत में एक बार उपाध्यक्ष मतदान के जरिये चुने गए हैं। प्रमुख सचिव विधानसभा ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के इतिहास में उपाध्यक्ष पद के लिए वर्ष 1984 में मतदान हुआ था। इस चुनाव में रियासत हुसैन को हराकर बतौर कांग्रेस प्रत्याशी हुकुम सिंह उपाध्यक्ष बने थे।

यूपी विधानसभा में दलीय स्थिति भाजपा : 304 सपा : 49 बसपा : 16 अपना दल (एस) : 09 कांग्रेस : 07 सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी : 04 रालोद : 01 निषाद पार्टी : 01 निर्दल : 03 असंबद्ध : 02

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