Unnao Case : विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के दोषी करार होने के बाद जानिये कब क्या हुआ...

उन्नाव दुष्कर्म कांड में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने भाजपा से निष्कासित उन्नाव के विधायक कुलदीप सेंगर को दोषी करार दिया है। आज अंजाम तक पहुंचे इस कांड में जानिये कब क्या हुआ...

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 05:07 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 05:40 PM (IST)
Unnao Case : विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के दोषी करार होने के बाद जानिये कब क्या हुआ...
Unnao Case : विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के दोषी करार होने के बाद जानिये कब क्या हुआ...

लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव दुष्कर्म कांड में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने भाजपा से निष्कासित उन्नाव के विधायक कुलदीप सेंगर को दोषी करार दिया है। अब 16 दिसंबर को उनकी सजा पर बहस होगी। सोमवार को अदालत ने पीड़िता को नाबालिग माना। वहीं महिला आरोपित शशि सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। दुष्कर्म, सियासी रसूख, आरोप, अदालत और फिर हादसा...आज अंजाम तक पहुंचे इस कांड में जानिये कब क्या हुआ....

तीस हजारी अदालत में गत पांच अगस्त को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी और 9 अगस्त को दोनों आरोपितों पर आरोप तय किए गए थे। करीब 5 माह तक इस कांड से जुड़े सभी मामलों को लगातार तीस हजारी अदालत में सुना जा रहा है। विधायक कुलदीप सिंह को करीब 20 माह पूर्व 13 अप्रैल, 2018 को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में हैं। पीड़िता के पिता की पिटाई और उनकी मौत के बाद तूल पकड़ने वाले इस मामले ने 20 माह में कई बार करवट ली। उन्नाव की लोअर कोर्ट से शुरू होकर रायबरेली सड़क हादसे के बाद मामला दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट तक पहुंचा।

कब-क्या हुआ...

4 जून, 2017 को नौकरी देने के नाम पर कुलदीप सेंगर ने साजिश रचने और दुष्कर्म करने का अपराध किया। किशोरी ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इसके अलावा पीड़ित किशोरी के परिजनों को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दी। आरोप लगाने के बाद किशोरी अचानक गायब हो गई और नौ दिन बाद वह औरैया में मिली।

11 जून, 2017 को पीड़िता ने अदालत की शरण ली, कोर्ट के आदेश पर अवधेश तिवारी, शुभम तिवारी व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन इसमें विधायक कुलदीप सिंह और आरोपित महिला का नाम नहीं था।

4 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता को पीटा गया, पुलिस ने घायल के खिलाफ रिपोर्ट लिख अस्पताल भेजा।

5 अप्रैल 2018 को अस्पताल से पीड़िता के घायल पिता को जेल भेजा गया।

7 अप्रैल 2018 के विधायक, उसके भाई व अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर पीड़िता ने सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।

8 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता को जेल से अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

9 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई अतुल सिंह व अन्य पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।

10 अप्रैल 2018 को विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज और हत्या के मामले में विधायक के भाई अतुल की गिरफ्तारी।

11 अप्रैल 2018 को एसआइटी ने माखी गांव जाकर मामले की जांच की और रिपोर्ट सीएम को सौंपी।

12 अप्रैल 2018 को सीबीआइ ने विधायक पर दुष्कर्म व सह आरोपित शशि सिंह पर सहयोग का मुकदमा दर्ज किया।

13 अप्रैल 2018 को रात में सीबीआइ ने विधायक को गिरफ्तार किया।

14 अप्रैल 2018 को सीबीआइ द्वारा विशेष पॉक्सो कोर्ट में विधायक को पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजा गया।

15 अप्रैल 2018 को सीबीआइ ने विधायक को रिमांड पर लिया।

28 अप्रैल 2018 को रिमांड पूरी होने के बाद विधायक को जिला कारागार उन्नाव भेजा गया।

8 मई 2018 को विधायक को उन्नाव जेल से सीतापुर भेजा गया।

28 अगस्त 2019 को चाचा से मिलने रायबरेली जेल जाते समय पीड़िता की कार का एक्सीडेंट हुआ जिसमें पीड़िता और उसका वकील गंभीर घायल हुए, उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई थी।

- सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और मामलों की सुनवाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में करने का आदेश दिया।

- आरोपित विधायक को सीतापुर से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया।

26 अक्टूबर 19 को विधायक के भाई मनोज सेंगर की मौत हो गई।

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