Raebareli Rail Wheel Factory: इस्पात कटि‍ंग कर मंत्रीजी को बनाकर द‍िखाया रेल पहिया, उत्पादन अक्टूबर से

कारखाना के महाप्रबंधक संजय झा ने बताया कि विशाखापत्तनम से आने वाले विशेष प्रकार के इस्पात से रेल पहियों का निर्माण किया जा रहा है। प्रथम चरण में लगभग एक सौ रेल पहियों का लैब परीक्षण हो रहा है। आरडीएसओ से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 06:30 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 11:39 AM (IST)
Raebareli Rail Wheel Factory: इस्पात कटि‍ंग कर मंत्रीजी को बनाकर द‍िखाया रेल पहिया, उत्पादन अक्टूबर से
केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सि‍ंह कुलस्ते ने फैक्ट्री का निरीक्षण करने के बाद किया दावा।

रायबरेली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री ने सोमवार को दावा किया कि अक्टूबर तक रेल पहिया कारखाना में उत्पादन शुरू हो जाएगा। निरीक्षण के दौरान भारतीय इंजीनियरों का प्रदर्शन देख उन्होंने उनकी तारीफ भी की। केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सि‍ंह कुलस्ते दोपहर करीब एक बजे कारखाना पहुंचे। उन्होंने रेल पहिया निर्माण के परीक्षण प्रक्रिया को देखा। सभी आटोमेटिक मशीनों को चलते देख इंजीनियरों की सराहना की। कारखाना में पहले तीन जर्मन इंजीनियर थे, जिनमें से दो वापस अपने देश लौट चुके हैं। एक जर्मन इंजीनियर हैं, लेकिन उन्हें प्रोडक्शन की जानकारी नहीं थी। भारतीय इंजीनियरों ने ही इस्पात के टुकड़े की कटि‍ंग कर सभी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए रेल पहिया बनाकर मंत्री को दिखाया।

कारखाना के महाप्रबंधक संजय झा ने बताया कि विशाखापत्तनम से आने वाले विशेष प्रकार के इस्पात से रेल पहियों का निर्माण किया जा रहा है। प्रथम चरण में लगभग एक सौ रेल पहियों का लैब परीक्षण हो रहा है। आरडीएसओ से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। जर्मन इंजीनियरों के लौट जाने के चलते काम में देरी हुई, लेकिन भरपाई के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। 47 अधिकारियों व लगभग सौ कर्मचारियों द्वारा रेल पहिया उत्पादन की दिशा में कार्य चल रहा है। शनिवार व रविवार को आरडीएसओ के भी तीन इंजीनियर आए थे, जिन्होंने पहिया निर्माण का निरीक्षण किया, अब उनकी रिपोर्ट का इंतजार है।

प्रतिवर्ष बनेंगे एक लाख पहिया : इस्पात राज्य मंत्री ने कहा कि एक लाख सालाना उत्पादन क्षमता वाले इस कारखाने में प्रतिमाह आठ हजार से अधिक रेल पहिए बनेंगे। भारत का यह आधुनिकतम रेल पहिया कारखाना है, जहां भारतीय रेलवे को अपने ही देश में अत्याधुनिक तरीके से बने रेल पहिये मिल सकेंगे। भारत में खपत पूरी होने के बाद विदेशों में भी निर्यात किया जाएगा। प्रोजेक्ट मैनेजर गोपाल कृष्ण व बप्पा राव भी मौजूद रहे।

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