बहराइच पहुंचे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र, कहा; भाजपा सरकार में आसान हुआ लालचौक में तिरंगा फहराना
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र ने बहराइच में कहा कि 15 अगस्त को जम्मूकश्मीर के लाल चौक में तिरंगा फहराना बहुत बड़ी चुनौती होती थी लेकिन भाजपा सरकार में श्रीनगर के सभी सरकारी व निजी संस्थानों पर तिरंगा फहराया जाने लगा।
बहराइच, संवाद सूत्र। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र ने कहा कि 15 अगस्त को जम्मूकश्मीर के लाल चौक में तिरंगा फहराना बहुत बड़ी चुनौती होती थी, लेकिन भाजपा सरकार में श्रीनगर के सभी सरकारी व निजी संस्थानों पर तिरंगा फहराया जाने लगा। धर्मांतरण मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जो संस्थाएं इस काम में लगी थीं, हमने उन पर शिकंजा कसा है। बाहर से पैसा मंगाकर धर्म परिवर्तन कराने पर रोक लगा सभी संस्थाओं का अकाउंट दिल्ली में खोलने के निर्देश दिए गए हैं। वह वे गुल्लावीर मंदिर परिसर में संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
उन्होंने अफगानिस्तान मामले में कहा कि जो देश विस्तारवाद और आतंकवाद पर विश्वास नहीं करते, उनके साथ हम सहयोग के लिए तैयार रहते हैं। मंत्री ने कहा कि कमजोर वर्ग हमारी प्राथमिकता में रहा है। प्रधानमंत्री ने तीन लक्ष्य दिया। इसमें गरीब और कमजोर वर्ग को समाज की मुख्यधारा में लाना और उनकी सुविधाओं को बढ़ाना, महिलाओं का सशक्तिकरण व किसानों की आय को बढ़ाना। उन्होंने कहा कि 2047 तक देश की संस्कृति, परंपरा और ज्ञान के अनुरूप पूरे विश्व में पहला स्थान दिलाने का संकल्प पूरा करेंगे। उन्होंने सबका साथ सबका विकास की जगह जाति और धर्म की बात करने के लिए बसपा और सपा पर हमला बोला। इससे पूर्व उन्होंने सुहेलदेव व परशुराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पौधारोपण किया। इस मौके पर विधायक अनुपमा जायसवाल, सुभाष त्रिपाठी, भाजपा जिला प्रभारी नीरज सिंह, जिलाध्यक्ष श्यामकरन टेकड़ीवाल, उपाध्यक्ष दीपक सत्या, रणविजय सिंह, राजन सिंह, सौरभ वर्मा, हरिश्चंद्र गुप्त माैजद रहे।
बीते 16 फरवरी में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने महाराजा सुहेलदेव जन्मोत्सव कार्यक्रम के बहाने तराई में हिंदुत्व के ज्वार को उभारने की कोशिश की थी। आठ जुलाई को यहां आए एआइएमआइएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने मजहबी कार्ड खेला। ... तो वहीं बुधवार को जन आशीर्वाद यात्रा पर बहराइच पहुंचे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ने भी सुहेलदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर यह साबित करने की कोशिश की ''भाजपा के एजेंडे में महाराजा सुहेलदेव थे और आने वाले वक्त में भी बने रहेंगे''। हिमालय की तलहटी में दशकों से भाजपा को महाराजा सुहेलदेव की वीरता भरी गाथा रास आती रही है। हिंदू और मुस्लिम सियासत की दृष्टि से चितौरा झील के किनारे महाराजा सुहेलदेव के हाथों सैयद सालार मसूद गाजी की पराजय और शहादत इस दृष्टि से मुफीद भी है। यही कारण है कि चुनाव आते ही राजा सुहेलदेव का पराक्रम भाजपा की सियासत के केंद्र में हो जाता है। बीते फरवरी माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल राजा सुहेलदेव के स्मारक को संवारने करी योजनाओं को शिलान्यास किया था।
आज भी यही देखने को मिला। केंद्रीय मंत्री अपनी जन आशीर्वाद यात्रा में गुल्लावीर पहुंचे और प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सुहेलदेव की कर्मभूमि को सियासी तीर्थ के रूप में बदलने की कवायद की। यहां वह भगवान परशुराम की मूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन करना नहीं भूले। इसे अर्से से अपनी उपेक्षा को लेकर आंशिक तौर पर आहत महसूस कर रहे ब्राह्मण समाज के जख्म पर मरहम लगाकर जातीय ध्रुवीकरण की कोशिश में लगे विरोधी दलों को जवाब देने का दांव चला।
जाहिर सी बात है कि यह कोशिश अलनाहक नहीं है। आगामी विधानसभा चुनाव में पिछले सात में छह सीट की जीत के करिश्मे को दोहराने के लिए भाजपा को एक बार फिर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की दरकार है अन्यथा ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटी सपा मुस्लिम व पिछड़ों की गोलबंदी के साथ एवं बसपा दलित-ब्राह्मण गठजोड़ के साथ चकित कर सकती है।