पशुमित्र का बैग वापस दिलाने पर विवादों में विधायक जयदेवी, लखनऊ में प्रशासन ने की थी कार्रवाई

वहीं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डीके शर्मा का कहना है कि मलिहाबाद के प्रभारी चिकित्सक डीके सिंह और विधायक में आपसी विवाद है। डीके सिंह के पास सैदापुर का मूल प्रभार था। विधायक ने उनकी गतिविधियों को गलत बताकर उनको हटाने का आग्रह किया था।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 10:55 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 07:17 AM (IST)
पशुमित्र का बैग वापस दिलाने पर विवादों में विधायक जयदेवी, लखनऊ में प्रशासन ने की थी कार्रवाई
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने प्रभारी पशु चिकित्सक को हटाया।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। मलिहाबाद क्षेत्र के पशुमित्र के खिलाफ पशु चिकित्सा अधिकारी की कार्रवाई के बाद मंगलवार को उसका बैग वापस दिलाने पर स्थानीय विधायक जय देवी विवादों में घिर गई हैं। उनका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पशुमित्र का साथ देने का आरोप लग रहा है। हालांकि विधायक जयदेवी ने बताया कि पशुमित्र की घायल मवेशियों के प्रति सेवाभाव को देखते हुए बैग वापस कराने का अनुरोध किया गया था। कुछ लोग गलत तरीके से मुझे बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।

वहीं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डीके शर्मा का कहना है कि मलिहाबाद के प्रभारी चिकित्सक डीके सिंह और विधायक में आपसी विवाद है। डीके सिंह के पास सैदापुर का मूल प्रभार था। विधायक ने उनकी गतिविधियों को गलत बताकर उनको हटाने का आग्रह किया था जिसके बाद डीके सिंह को यहां का प्रभार हटाकर सैदापुर भेज दिया गया है। मलिहाबाद क्षेत्र के मधवापुर गौशाला के पास करीब 10 दिन पहले सीवीओ योगेंद्र यादव का सहायक बताया जा रहा सूरज यादव एक घायल गाय को पट्टी कर रहा था। इस दौरान सीवीओ मलिहाबाद गौशाला निरीक्षण करने पहुंच गए और उस व्यक्ति को देखकर उसका बैग जमा कर कार्रवाई शुरू कर दी।

बताया जा रहा है कि सूरज यादव आकस्मिक परिस्थितियों में बेसहारा गौवंशो की पट्टी करने के लिए चला जाता था। कार्रवाई होने पर वह विधायक जयदेवी कौशल के पास फरियाद लेकर गया। विधायक ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डीके शर्मा से फोन पर वार्ता कर मंगलवार को सूरज यादव का बैग मलिहाबाद चिकित्सालय पर तैनात ब्रजेश से वापस करा दिया। इस दौरान विधायक ब्लाक मलिहाबाद में उपस्थित थीं और सूरज यादव बैग लेकर विधायक को धन्यवाद देने गया। विधायक ने कहा सूरज ने गौ सेवा की है। गौ सेवा करने का अधिकार सभी के पास है। इन पर किसी प्रकार की कार्रवाई करना न्याय संगत नहीं है।

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