Conversion Racket in UP: उमर गौतम व उसके साथियों ने 60 से अधिक मूक-बधिर का कराया मतांतरण
Conversion Racket in UP गहरी साजिश के तहत मतांतरण के खेल में नोएडा डेफ सोसाइटी स्कूल का गहरा कनेक्शन रहा है। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की छानबीन में सामने आया है कि उमर गौतम व उसके साथियों ने 60 से अधिक मूक-बधिर के मतांतरण कराए थे।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। गहरी साजिश के तहत मतांतरण (धर्मांतरण) के खेल में नोएडा डेफ सोसाइटी स्कूल का गहरा कनेक्शन रहा है। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की छानबीन में सामने आया है कि मुहम्मद उमर गौतम व उसके साथियों ने 60 से अधिक मूक-बधिर के मतांतरण कराए थे। खास बात यह है कि सभी मूक-बधिर का नोएडा स्थित स्कूल से नाता जरूर रहा है।
सूत्रों का कहना है कि इस स्कूल में वर्ष 2011 में पढ़ने वाले एक युवक का कई वर्ष बाद उमर गौतम ने मतांतरण कराया था। आशंका है कि इस स्कूल से मूक-बधिर का ब्योरा उमर व उसके साथियों से साझा किया जाता रहा है। एटीएस इस दिशा में अपनी पड़ताल के कदम तेजी से आगे बढ़ा रही है। एटीएस की टीमें दिल्ली व कुछ अन्य राज्यों में भी रवाना की गई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकरण को बेहद गंभीरता से लिया है और आरोपितों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोपितों के विरुद्ध गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर गिरोह के सदस्यों द्वारा अवैध ढंग से अर्जित की गई संपत्ति को जब्त कराया जाए। स्थानीय प्रशासन को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। आइजी एटीएस जीके गोस्वामी ने बताया कि आरोपित मुहम्मद उमर गौतम व मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को बुधवार को पुलिस कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू की जाएगी।
प्रभारी सीजेएम सागर सिंह ने एटीएस की अर्जी पर मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की और दोनों आरोपितों की 23 जून की सुबह 11 बजे से 30 जून की सुबह 11 बजे तक की अवधि के लिए पुलिस रिमांड मंजूर की है। एक टीम को उमर गौतम के मूल निवास फतेहपुर भी भेजा गया है, जो उसके परिवारीजन से भी उमर के बारे में और जानकारियां जुटाने का प्रयास कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि एटीएस की शुरुआती छानबीन में यह भी सामने आया है कि उमर गौतम व उसके साथी मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश व एनसीआर में सक्रिय थे और उनके द्वारा कराए गए एक हजार से अधिक मतांतरण में करीब 65 से 70 फीसद मतांतरण इसी क्षेत्र में कराये गए। इनमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 250 से अधिक मतांतरण कराये गए।
हालांंकि एटीएस अधिकारियों का कहना है कि मतांतरण का जो ब्योरा मिला है, उसका सिलसिलेवार अध्ययन किया जा रहा है। उसके जरिये भी इस गिरोह के काम करने के ढंग व सक्रियता वाले क्षेत्रों का अनुमान लगाने का प्रयास किया जा रहा है। एटीएस को उमर गौतम के कुछ अन्य सक्रिय साथियों के बारे में भी अहम सुराग मिले हैं। उनकी तलाश भी की जा रही है।
उमर व जहांगीर से आमने-सामने की पूछताछ के दौरान कई और तथ्य पूरी तरह से स्पष्ट हो सकेंगे। एटीएस दोनों से पूछताछ के बिंदुओं के आधार पर अपने सवाल भी तैयार कर रही है। शुरुआत में दोनों से अलग-अलग पूछताछ किए जाने की तैयारी है। संगठित ढंग से मतांतरण कराए जाने का यह मामला जिस तरह कई राज्यों से जुड़ा है, उससे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के इस मामले को अपने हाथ में लेने की संभावना भी जताई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि एटीएस ने दिल्ली निवासी उमर गौतम व जहांगीर को गिरफ्तार गहरी साजिश के तहत एक हजार लोगों का मतांतरण कराए जाने का राजफाश किया है। इनमें महिलाएं, मूक-बधिर व कमजोर वर्ग के लोग शामिल हैं। हिंदू युवतियों का मतांतरण कराकर उनकी मुस्लिम युवकों से शादी भी कराई गई है। संगठित गिरोह के तार दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल व आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्यों से भी जुड़े हैं।
फंडिंग के तार खंगाल रहीं खुफिया एजेंसियां : आइबी समेत अन्य खुफिया एजेंसियां भी दोनों आरोपितों से पूछताछ की तैयारी कर रही हैं। खासकर उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (आइडीसी) को आइएसआइ व विदेश से हो रही फंडिंग को लेकर छानबीन तेज की गई है। संस्था के बैंक खातों का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। उमर गौतम व उसके कुछ करीबियों के बैंक खातों की जानकारी भी हासिल की जा रही है। पुलिस रिमांड के दौरान उमर व जहांगीर से फंडिंग को लेकर पूछताछ भी बेहद अहम होगी।
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