पित्ताशय कैंसर का कारण साबित हो सकता है टाइफाइड, SGPGI और जापान के डॉक्टरों का शोध
संजय गांधी पीजीआई के सर्जिकल गैस्ट्रो सर्जरी और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग ने जापान के साथ मिलकर शोध में पाया है कि टाइफाइड पैदा करने वाले बैक्टीरिया पित्ताशय कैंसर की आशंका बढ़ा सकते है। यह नया रिस्क फैक्टर है।
लखनऊ, [कुमार संजय]। चिकित्सा शोध वैज्ञानिकों ने गाल ब्लैडर (पित्ताशय) कैंसर का एक नया कारण पता लगाया है। संजय गांधी पीजीआई के सर्जिकल गैस्ट्रो सर्जरी और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग ने जापान के साथ मिलकर शोध में पाया है कि टाइफाइड पैदा करने वाले बैक्टीरिया पित्ताशय कैंसर की आशंका बढ़ा सकते है। यह नया रिस्क फैक्टर है। यानी पित्ताशय कैंसर पर लगाम लगाने के लिए टाइफाइड संक्रमण की जांच और इलाज जरूरी है। शोध वैज्ञानिकों ने देखा कि पित्ताशय कैंसर के सौ मरीजों में से 22 फीसद मरीजों में पूर्व में टाइफाइड की पुष्टि हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि टाइफाइड आंत को संक्रमित करके केवल बुखार ही नहीं लाता बल्कि कैंसर का कारण साबित हो सकता है, इसलिए बचाव के उपाय पर जोर देने की जरूरत है।
अब तक माना जाता था कि गाल ब्लैडर में लंबे समय तक पथरी होने से क्रोनिक कोलेसिस्टिटिस(सीसी)होता है जो कैंसर का कारण है। अब इसे नये नजरिये से भी देखा जा सकेगा। एशिया पेसिफिक जर्नल आफ कैंसर प्रिवेंशन ने पित्ताशय की थैली के कैंसर के विकास में 'साल्मोनेला टाइफी और सालमोनेला पैराटाइफी की भूमिका' विषय पर हुए इस शोध को स्वीकार किया है।
इन्होंने किया शोध : संजय गांधी पीजीआई के सर्जिकल गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डा. रत्नाकर शुक्ला, डा. पूजा शुक्ला, प्रो. अनु बिहारी, प्रो. वीके कपूर, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के प्रो. धीरज खेतान, प्रो, राजेंद्र चौधरी, जापान के निगाटा मेडिकल विवि के डा. यासुओ त्सुचिया, डा. तोशिकाजु इकोमा,, डा. ताको असे व डा. कजुतोसी नकामुरा।
ऐसे करें बचाव