सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के मामलों में दो PCS अधिकारी बर्खास्त Lucknow News

भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ टिप्पणी में राजस्व परिषद के ओएसडी अशोक शुक्ला नपे। गेल में प्रतिनियुक्ति पर तैनाती के दौरान घूस लेते धरे गए थे अशोक कुमार लाल।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 11:56 PM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 07:25 AM (IST)
सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के मामलों में दो PCS अधिकारी बर्खास्त Lucknow News
सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के मामलों में दो PCS अधिकारी बर्खास्त Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम जारी रखते हुए राज्य सरकार ने दो पीसीएस अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इनमें से एक अशोक कुमार शुक्ला हैं जो अभी राजस्व परिषद में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के पद पर तैनात थे। शुक्ला को हरदोई में उप जिलाधिकारी के पद पर तैनाती के दौरान ग्राम समाज की जमीन भूमिधरी के रूप में दर्ज कराने और अमेठी में एसडीएम रहते सरकार के खिलाफ फेसबुक पर प्रतिकूल टिप्पणी करने के मामलों में बर्खास्त किया गया है। दूसरे पीसीएस अफसर अशोक कुमार लाल हैं जिन्हें 2015 में नोएडा में गैस अथारिटी आफ इंडिया (गेल) में प्रतिनियुक्ति पर तैनाती के दौरान सीबीआइ ने रिश्वत लेते गिरफतार किया गया था। वह तब से निलंबित थे। दोनों अधिकारियों के खिलाफ उप्र लोक सेवा आयोग की सहमति के बाद उन्हें बर्खास्त किया गया है। 

हरदोई की शाहाबाद तहसील में उप जिलाधिकारी के पद पर रहते हुए अशोक कुमार शुक्ला ने एक राजस्व वाद की सुनवाई करते हुए पांच मई 2016 को मंसूरनगर ग्राम सभा की 1.227 हेक्टेयर बंजर भूमि को इसी तहसील के मोहसिनपुरवा गांव के हमीदुल्ला नामक व्यक्ति के नाम बतौर भूमिधर अंकित करने का आदेश पारित किया था। शिकायत मिलने पर डीएम हरदोई ने मामले की जांच करायी जिसमें पाया गया कि शुक्ला ने दुरभिसंधि से छलपूर्वक सरकारी जमीन हमीदुल्ला के नाम कर दी। 

वहीं अमेठी में एसडीएम के रूप में तैनात रहते हुए पांच फरवरी 2018 को शुक्ला ने अपनी फेसबुक आइडी पर सरकार की कार्यशैली पर प्रतिकूल टिप्पणी की। यह टिप्पणी मुख्यमंत्री को संबोधित थी। इस मामले को दैनिक जागरण ने भी प्रकाशित किया था। जिलाधिकारी अमेठी ने शासन को भेजी गई रिपोर्ट में बताया कि शुक्ला की फेसबुक पोस्ट गलत तथ्यों पर आधारित थी। उनका यह कृत्य उप्र सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने से शासन प्रशासन की छवि धूमिल हुई। दोनों ही मामलों में शुक्ला के खिलाफ अनुशासनिक जांच हुई। दोनों मामलों में सरकार उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुई और उनके दोष सिद्ध माने गए। 

वहीं गेल में प्रतिनियुक्ति पर तैनाती के दौरान एसडीएम रैंक के पीसीएस अधिकारी अशोक कुमार लाल ने एक काश्तकार की जमीन के लिए उसे 44 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने के एवज में पांच लाख रुपये घूस मांगी थी। सीबीआइ ने उन्हें उनके आवास पर घूस लेते रंगे हाथ धरा था। उनके आवासीय परिसर से सीबीआइ ने 19 लाख रुपये नकद और संपत्तियों व बैंक खातों में निवेश से जुड़े कुछ दस्तावेज भी बरामद किये थे। तब से वह निलंबित थे। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कुछ और मामले उजागर हुए थे। अनुशासनिक जांच में उनके खिलाफ भी दोष सिद्ध माना गया। 

यह थी अशोक कुमार शुक्ला की फेसबुक पोस्ट 

'कल मीटिंग के नाम पर अपराह्न 2.00 बजे से पूर्वाह्न 12.40 तक बैठा रहा। आपके अधिकतर अधिकारी बीमार होते जा रहे हैं योगी जी।'

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