UP के सीतापुर में आंधी में भरभरा कर गिरी दीवार, दो सगे भाइयों की दबकर मौत

सीतापुर के मुंशीगंज मुहल्ले का मामला। खुले में शौच करते वक्त दोनों भाइयों की मौत। दीवार के नीचे दबे भाइयों को स्थानीय लोगों ने निकाला बाहर। परिवारजन बदहवास हो गए ओडीएफ प्लस का तमगा लिए शहर में लोग खुले में शौच को मजबूर।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:54 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 09:54 AM (IST)
UP के सीतापुर में आंधी में भरभरा कर गिरी दीवार, दो सगे भाइयों की दबकर मौत
सीतापुर के मुंशीगंज मुहल्ले का मामला। खुले में शौच करते वक्त दोनों भाइयों की मौत।

सीतापुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में मौसम के करवट लेते ही जिले सीतापुर में शुक्रवार तड़के आंधी-बारिश मुसीबतों का सबब बनकर आई। ओडीएफ प्लस का तमगा लिए शहर में दो भाइयों की खुले में शौच करते वक्त मौत हो गई। बताया जा रहा है कि शौच करने के दौरान ही दोनों पर दीवार गिर गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। दोनों भाइयों के घर में शौचालय नहीं है।

दरअसल, मुंशीगंज मुहल्ले शिवराम निषाद बड़े का परिवार रहता है। बड़े मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। इनके घर में शौचालय नहीं है। शुक्रवार सुबह इनके दो बेटे निहाल और गौरव घर से बाहर शौच के लिए निकले। बताया जा रहा है कि कुछ दूरी पर दोनों एक दीवार के पास बैठकर शौच कर रहे थे। तेज हवा भी चल रही थी। इसी दौरान दीवार भरभरा कर दोनों भाइयों पर गिर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा देखा तो चिल्लाकर उस ओर भागे। सबने मिलकर मलबा हटाया और दोनों भाइयों को बाहर निकाला लेकिन, देर हो चुकी थी। दोनों भाइयों की सांसें थम चुकी थीं। इस घटना के बाद परिवारजन बदहवास हो गए। सबका रो-रोकर बुरा हाल है। मुहल्ले के लोग भी परिवारजन को ढांढस बंधाने के लिए पहुंचे। सूचना पाकर चौकी इंचार्ज कोहना तौकीर अहमद भी मौके पर पहुंचे और परिवारजन से घटना के बारे में जानकारी ली। 

एक बहन और दो भाई थे: शिवराम निषाद के तीन बच्चे हैं। इनमें निहाल और गौरव के अलावा बेटी गौरी निषाद भी है। दो भाइयों की असमय मौत ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया।

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 ओडीएफ प्लस का तमगा और खुले में शौच की मजबूरी: जिला मुख्यालय को हाल ही में ओडीएफ प्लस का तमगा मिला है। यह रेटिंग 80 फीसद घरों में शौचालय और साफ सुथरे सामुदायिक शौचालयों के आधार पर ही दी जाती है। बावजूद इसके जिला मुख्यालय पर ही लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। मुख्यालय पर कई स्थान खुले में शौच के लिए ही जाने जाते हैं। इस पर अंकुश लगाने के प्रयास भी सिर्फ कागजों में ही सीमित हैं।

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