सामूहिक दुष्कर्म मामले में दो आरोपितों को कारावास, काल कोठरी में गुजरेंगे 20 साल Sitapur News
सीतापुर अदालत ने आरोपितों को दोषी करार देते हुए प्रत्येक को 20 साल कारावास की सजा सुनाई है।
सीतापुर, जेएनएन। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश चंद्र गुप्त ने लखनऊ व बाराबंकी जिले के एक-एक अभियुक्त को 20 साल कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 30-30 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, थाना अटरिया क्षेत्र के एक गांव की पीड़िता के पिता ने थाने में 21 मार्च 2013 को रिपोर्ट लिखाई थी कि उसकी पुत्री गांव स्थित देवी स्थल पर 20 मार्च 2013 को भागवत कथा सुनने परिवार के साथ गई थी। परिवार के सभी लोग घर चले आए, जबकि पड़ोसी महिला के साथ उनकी पुत्री रुक गई। रात्रि में कथा समापन के बाद पुत्री महिला के साथ घर वापस आ रही थी। पड़ोसी महिला अपने घर चली गई, लेकिन जब उसकी पुत्री घर की ओर बढ़ी तभी घात लगाए बैठे नौमीलाल पुत्र मुन्ना निवासी बाराबंकी व जगनू पुत्र हीरालाल निवासी लखनऊ ने उसे दबोच लिया। दोनों आरोपित गांव निवासी अपनी मौसी के यहां आए थे। इन लोगों ने पुत्री को डरा धमकाकर गलत कार्य किया। इसके बाद पुत्री रोते हुए घर पहुंची और पूरा हाल बताया। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किए। विद्वान न्यायाधीश ने पत्रावली का परीक्षण व उभय पक्ष की दलील और बहस सुनने के बाद आरोपित नौमीलाल व जगनू को दोषी पाया। दोनों को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास व 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कौशल कुमार यादव ने की।