Lakhimpur Kheri Violence: पुल‍िस के पास पहुंचे डेढ़ सौ से ज्‍यादा वीडियो, नाम न उजागर करने की शर्त पर भेजे

Lakhimpur Kheri Violence लखीमपुरखीरी कांड में वारदात की सच्चाई से पर्दा हटाने में जुटी एसआइटी को अब तक इस घटनाक्रम से जुड़े 165 वीडियो मिल चुके हैं इन वीडियो की सघन जांच-पड़ताल करने के साथ ही उसमें से सच्चाई तलाशने में जुटी है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:05 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 07:31 AM (IST)
Lakhimpur Kheri Violence: पुल‍िस के पास पहुंचे डेढ़ सौ से ज्‍यादा वीडियो, नाम न उजागर करने की शर्त पर भेजे
लखीमपुर खीरी कांड : हर वीडियो को भेजा जा रहा फारेंसिक जांच के लिए लैब।

लखीमपुर खीरी, जागरण संवाददाता। खीरी के कांड में वारदात की सच्चाई से पर्दा हटाने में जुटी एसआइटी को अब तक इस घटनाक्रम से जुड़े 165 वीडियो मिल चुके हैं इन वीडियो की सघन जांच-पड़ताल करने के साथ ही उसमें से सच्चाई तलाशने में जुटी है। जिससे आरोपितों के खिलाफ इलेक्ट्रानिक साक्ष्‍य एकत्र किए जा सकें और अदालत में उनके खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए जा सके। यह सारे वीडियो पुलिस ने एक मोबाइल नंबर जारी करते हुए आम लोगों से मंगवाए हैं, जो उस दिन घटनास्थल पर मौजूद थे या उनके पास घटनास्थल से जुड़े वीडियो पहुंचे हैं। इस मामले में एसआइटी को फूंक-फूंककर कदम रख रही है क्योंकि पूरे मामले की मॉनिटरिंग देश की सर्वोच्च अदालत स्वयं कर रही है।

एसआइटी सूत्रों ने बताया कि वारदात के अगले ही दिन पुलिस ने एक मोबाइल नंबर जारी किया था जिस पर जनता से अपील करते हुए इस घटना से जुड़े सभी इलेक्ट्रानिक साक्ष्य मांगे थे। एसआइटी को इसमें बड़ी कामयाबी मिली है उसको एक दो नहीं बल्कि करीब 165 छोटे बड़े वीडियो मिले हैं, जिनमें गुनाह करने वालों को तो दिखाया गया ही है साथ ही पूरा घटनाक्रम किस तरह से चला है उसकी भी पूरी वीडियोग्राफी साफ नजर आ रही है। एसआइटी सूत्रों ने बताया कि इन सभी वीडियो को टीम का एक पैनल बहुत ही बारीकी से देख रहा है और उसे आरोपितों के खिलाफ ये सारे इलेक्ट्रानिक साक्ष्य अदालत में पेश करने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा उन मोबाइल धारकों को बुलाया जा रहा है, जिनके मोबाइल से ये वीडियो वास्तव में पहली बार शूट किया गया और वायरल किया गया। ऐसे तमाम मोबाइल भी पुलिस ने जब्त करते हुए इसे सुबूत के तौर पर तैयार किया है। एसआइटी सच दिखा रहे इन वीडियो को फारेंसिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही अदालत में पेश करेगी।

सुबूत देने वालों का नाम उजागर नहीं : एसआइटी व पुलिस ने पहले ही अपनी अपील में कहा था कि जो लोग पुलिस द्वारा जारी किए गए मोबाइल नंबर पर हिंसा से जुड़े वीडियो डाल रहे हैं उनके नामों को कतई उजागर नहीं किया जाएगा। उनको गवाह भी नहीं बनाया जाएगा बस अगर उनके पास कोई वीडियो है तो वह उसे बेहिचक एसआइटी को उपलब्ध कराएं।

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