सोशल मीडिया पर 'यूपी के 'शहीदों' को श्रद्धांजलि Lucknow News

पुलिस स्मृति परेड दिवस की तेज हुई तैयारियां यूपी पुलिस ने शुरू की मुहिम। शहीदों के घरवालों को 21 अक्टूबर को सीएम करेंगे सम्मानित।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 08:28 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 08:24 AM (IST)
सोशल मीडिया पर 'यूपी के 'शहीदों' को श्रद्धांजलि Lucknow News
सोशल मीडिया पर 'यूपी के 'शहीदों' को श्रद्धांजलि Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। पुलिस लाइन में पुलिस स्मृति दिवस परेड को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारजन को सम्मानित करेंगे। इसको लेकर यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया पर शहीदों को श्रद्धाजंलि देने की मुहिम शुरू कर दी है।

'यूपी के शहीद और हैशटैग 'भूले नहीं नाम से सोशल मीडिया पर लोग शहीद पुलिसकर्मियों की वीरता के किस्से पढ़ रहे हैं। सोमवार तक यूपी पुलिस अपने ट्वीटर हैंडल और फेसबुक पेज पर वीरगति को प्राप्त हुए पुलिसकर्मियों की कहानी प्रसारित करेगी। अब तक प्रतापगढ़ में तैनात रहे आरक्षी राजकुमार सिंह, वाराणसी के रामवृक्ष सिंह और शामली के अंकित तोमर के शहादत की कहानी प्रसारित की गई है।

कर्तव्य की वेदी पर हुए थे शहीद

प्रतापगढ़ के थाना रानीगंज में तैनात आरक्षी राजकुमार सिंह आठ अप्रैल 2017 को शातिर अपराधी इरशाद अली के घर पहुंचे थे। पूछताछ के दौरान इरशाद अली ने फायरिंग शुरू कर दी थी। गोली उनके सीने में लगी थी और राजकुमार शहीद हो गए थे। वहीं 34वीं वाहिनी पीएसी में तैनात रामवृक्ष सिंह 16 फरवरी 2018 को मेस का राशन लेने जा रहे थे। इसी बीच बाइक सवार युवकों ने रामवृक्ष के पैर पर बाइक चढ़ा दी थी। विरोध पर उनके सिर पर लोहे के स्टूल से हमला कर दिया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। उधर, दो जनवरी 2018 को शामली में तैनात आरक्षी अंकित तोमर पुलिस कस्टडी से फरार इनामी अपराधी साबिर व दो अन्य को पकडऩे गए थे। इस दौरान बदमाशों ने फायङ्क्षरग शुरू कर दी थी। अंकित तोमर साहस का परिचय देते हुए एके 47 से फायर करते हुए भीतर दाखिल हुए थे, उसी दौरान बदमाशों ने उनके सिर में गोली मार दी थी। अंकित की अस्पताल में मौत हो गई थी।

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