लखनऊ की इन सड़कों से गुजर रहे हैं तो हो जाएं सावधान, परिवहन विभाग ने चिन्हित किए जानलेवा रास्‍ते

परिवहन विभाग ने शहर के उन आठ सबसे खतरनाक मौत के मुहानों को चिह्न्ति किया है जहां कैलेंडर वर्ष 2020 में 30 से अधिक मौतें हुई हैं। सालभर में 496 लोगों की जान चली गई है। इन मार्गो से गुजरने पर वाहनों की गति नियंत्रित कर लें।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 11:35 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 12:25 PM (IST)
लखनऊ की इन सड़कों से गुजर रहे हैं तो हो जाएं सावधान, परिवहन विभाग ने  चिन्हित किए जानलेवा रास्‍ते
परिवहन विभाग ने चिह्न्ति किए लखनऊ के सबसे खतरनाक सड़कें।

लखनऊ [नीरज मिश्र]। सावधान! परिवहन विभाग ने शहर के उन आठ सबसे खतरनाक मौत के मुहानों को चिह्न्ति किया है, जहां कैलेंडर वर्ष 2020 में 30 से अधिक मौतें हुई हैं। सालभर में 496 लोगों की जान चली गई है। आप इन मार्गो से गुजर रहे हैं तो अपने वाहनों की गति नियंत्रित कर लें और ड्राइविंग के प्रति सचेत हो जाएं। मामूली लापरवाही से इन पथों पर जानलेवा सफर हो सकता है। रोड सेफ्टी विंग को काम करते हुए करीब आठ साल होने को है। हर साल करोड़ों रुपये जागरूकता कार्यक्रमों में खर्च किए जाते हैं बावजूद इसके प्रदेश की कौन कहे राजधानी लखनऊ तक के कई प्रमुख मार्ग अभी ऐसे हैं जो लगातार जानलेवा बने हुए हैं।

विभूतिखंड शहीद पथ पर समिट बिल्डिंग के पास

स्थान जहां हुईं 30 से अधिक मौतें

एनएच-24 कानपुर रोड स्थित स्कूटर इंडिया चौराहा सरोजनीनगर लखनऊ गोसाईंगंज रोड के अहिमामऊ के पास आगरा एक्सप्रेस वे पारा क्षेत्र मोहनलालगंज के देवा सिसेंडी रोड के पास नेशनल हाइवे-56 अहिमामऊ रोड नेशनल हाइवे-28 फैजाबाद रोड विभूति खंड हाईकोर्ट एनएच-30 मोहनलालगंज हरीकिशन गढ़ी

इन कारणों पर दिए सुझाव: रोड सेफ्टी से विंग से जुड़े विशेष कार्याधिकारी लोनिवि के प्रताप सिंह बताते हैं कि हादसे रोकने के लिए जिम्मेदार कार्यदायी संस्थाओं को सुझाव दिए गए हैं। इनमें डिवाइडर के कट बंद करने, रम्बल स्टिप, जेब्रा क्रासिंग एवं सचेत करने वाले बोर्ड लगाए जाने के अलावा सौ से पांच सौ मीटर की दूरी पर यूटर्न और अंडर पास बनाए जाने को कहा गया है। ट्रैफिक मिलने वाले स्थल टी-जंक्शन के सामने से डिवाइडर कट बंद किए जाएं। इसके साथ ही थर्ड पार्टी ऑडिट कराया जाएगा।

उप परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि लखनऊ के जो ब्लैक स्पॉट्स चिह्न्ति किए गए हैं उनमें आठ सबसे खतरनाक स्थल हैं। इन स्थलों पर बड़ी संख्या में बीते वर्ष में लोगों ने जान गंवाई हैं। इन खतरनाक स्थलों को दुरुस्त करने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को सुझाव भेज दिए गए हैं।

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