UPSRTC Update: रायबरेली में टायर और पुर्जों की कमी से खड़ी परिवहन निगम की बसें, वर्कशाप खटारा बसों से फुल
रायबरेली में जिले में परिवहन निगम की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है। बसों की मरम्मत के लिए करीब दो माह से पार्ट्स (पुर्जे) नहीं मिले। काफी संख्या में ऐसी बसें हैं जो टायर और पार्ट्स की समस्या के कारण खड़ी हैं।
रायबरेली, संवाद सूत्र। यूपी परिवहन निगम की बसों की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है। बसों की मरम्मत के लिए करीब दो माह से पार्ट्स (पुर्जे) नहीं मिल रहे हैं। जिसकी वजह से काफी संख्या में ऐसी बसें हैं जो टायर और पार्ट्स में खराबी के कारण खड़ी हुई हैं। हालत यह है कि वर्कशाप में जगह नहीं बची। कई बसों में सरेंडर की जा चुकीं बसों के टायर लगाकर संचालन किया जा रहा है। रोडवेज अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा यात्री भुगत रहे हैं।
रायबरेली डिपो के बेड़े में निगम की 86 और अनुबंधित 87 बसें हैं। इन बसों का संचालन सभी रूटों पर होता है। निगम की बसों में से 10 सरेंडर की जा चुकी हैं। बसों के पार्ट्स खराब होने पर सामान लखनऊ से मिलता है। इस बीच करीब दो माह से पार्ट्स नहीं मिले। इससे खराब होने वाली बसों की संख्या काफी बढ़ गई है। कुल मिलाकर 55 से 60 बसों का ही संचालन हो पाता है। कभी-कभार कुछ बसें ठीक होने पर इनकी संख्या बढ़ भी जाती है। कई बसों में तो सरेंडर की जा चुकी बसों के टायर लगाकर चलाया जा रहा है।
वर्कशाप में बस खड़ी करने की जगह नहीं बची है। यहां काम करने वाले लोग दिनभर यह देखते कि आखिर ज्यादा खराब बसें कौन सी हैं, जो आसानी से नहीं बन सकतीं। इन बसों के पार्ट्स कम खराब बसों में लगाकर काम चलाया जा रहा है। इसका असर यात्रियों पर पड़ रहा है। कम बसों का संचालन होने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है। साथ ही हादसे का भी खतरा है।
इनकी सुनें: एआरएम अक्षय कुमार ने बताया कि पार्ट्स की कुछ कमी है, इसकी आपूर्ति की जा रही है। जैसे-जैसे आ रहे हैं, बसों में लगाकर संचालन किया जा रहा है। यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।