लखनऊ के व्यापारियों ने भारत बंदी को नकारा, संगठनों ने कहा; रोज की तरह खुलेंगी दुकानें
कृषि कानून के खिलाफ किसानों के सोमवार को भारत बंद के आह्वान पर व्यापारियों ने इससे सीधे तौर पर किनारा कर लिया है। प्रमुख संगठनों ने प्रमुख बाजार खोले जाने की बात कही है। नेताओं ने कहा कि कारोबार रोज की तरह चलेगा। बाजारों में इसका कोई असर नहीं होगा।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। कृषि कानून के खिलाफ किसानों के सोमवार को भारत बंद के आह्वान पर व्यापारियों ने इससे सीधे तौर पर किनारा कर लिया है। प्रमुख संगठनों ने सभी प्रमुख बाजार खोले जाने की बात कही है। नेताओं ने कहा कि कारोबार रोज की तरह ही चलेगा। बाजारों में इसका कोई असर नहीं होगा। व्यापारियों का कहना है कि इससे उन सभी का कोई लेना-देना नहीं है।
प्रदेश में रोज की तरह ही व्यापार होगा। बाजार बंदी का संगठन समर्थन नहीं करता है। सभी बाजार खुलेंगे। -बनवारी लाल कंछल, उप्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल
बाजार रोज की तरह ही चलेंगे। गल्ला मंडी और अन्य ट्रेड की दुकानें पूर्व की तरह ही खुलेंगी। इससे व्यापार पर कोई असर नहीं पडे़गा। -राजेंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष लखनऊ व्यापार मंडल
शहर के सभी बाजार खुलेंगे। कोई भी बाजार बंद नहीं होगा। भारत बंदी से व्यापारियों को कोई लेना-देना नहीं है।
-अमरनाथ मिश्र, वरिष्ठ महामंत्री लखनऊ व्यापार मंडल
व्यापारी इस बंदी का समर्थन नहीं करते हैं। संगठन से जुडे़ सभी व्यापार मंडल अपने बाजार खाेलेंगे। बाजार बंदी नहीं होगी। -संजय गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष उप्र. आदर्श व्यापार मंडल
किसानों के इस आंदोलन से कारोबारियों का कोई मतलब नहीं है। कोरोना में पहले से ही व्यापारी परेशान है। शहर के सभी बाजार खोले जाएंगे। -संदीप बंसल, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
कपड़ा कारोबार रोज की तरह ही होगा। मार्केट खुलेगा। भारत बंद का कपड़ा कारोबार पर कोई असर नहीं पडे़गा। -अशोक मोतियानी, अध्यक्ष उप्र. कपड़ा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल
भारत बंदी का असर बाजारों पर नहीं होगा। शहर के सभी प्रमुख बाजार खोले जाएंगे। गोमतीपार हो या शहर और जिले के बाजार सभी में आमदिनों की तरह ही कारोबार होगा। -अंजनी पांडेय, राष्ट्रीय अध्यक्ष संयुक्त व्यापार मंडल
अमीनाबाद, नजीराबाद, ग्वीन रोड, स्टेशनरी, कपड़ा, सर्राफा और चिकन वस्त्राें समेत सभी प्रमुख बाजार में रोज की तरह ही कारोबार होगा। दुकानें खुलेंगी। इससे व्यापारियों का मतलब नहीं है। -सुरेश छबलानी, प्रवक्ता अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल