लखनऊ में PFI सदस्यों से जेल में मिलने पहुंची महिलाएं भेजी गईं जेल, कोविड की रिपोर्ट निकली फर्जी

थानाप्रभारी गोसाईगंज अमरनाथ वर्मा ने बताया कि आरोपित महिलाओं में एक पीएफआइ सदस्य अंसद बदरुद्दीन की पत्नी नजीमा और परिवार की एक अन्य महिला मुहानिसा थी। वहीं फरोज खान से फुनहलीमा मिलने पहुंची थी। कुल चार महिलाएं मिलने पहुंची थीं।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 01:30 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 05:19 PM (IST)
लखनऊ में PFI सदस्यों से जेल में मिलने पहुंची महिलाएं भेजी गईं जेल, कोविड की रिपोर्ट निकली फर्जी
लखनऊ की जेल में बंद पीएफआइ से मिलने गईं महिलाएं गिरफ्तार।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। जेल में बंद पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) सदस्यों से रविवार को मिलने पहुंची तीन महिलाओं को गोसाईगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तीनों के पास से गुड़गांव की एक लैब की फर्जी कोविड आरटीपीसीआर रिपोर्ट बरामद हुई थी।

थानाप्रभारी गोसाईगंज अमरनाथ वर्मा ने बताया कि आरोपित महिलाओं में एक पीएफआइ सदस्य अंसद बदरुद्दीन की पत्नी नजीमा और परिवार की एक अन्य महिला मुहानिसा थी। वहीं, फरोज खान से फुनहलीमा मिलने पहुंची थी। कुल चार महिलाएं मिलने पहुंची थीं। जिसमें से एक की रिपोर्ट सही थी। गिरफ्तार तीनों महिलाओं के खिलाफ जिला जेल के जेलर अजय राय की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। जानकारी के मुताबिक बीते फरवरी माह में एटीएस ने पीएफआइ सदस्य अंसद बदरुद्दीन और फिरोज खान को विस्फोटक सामग्री के साथ पकड़ा था। इसके बाद इन्हें जेल भेजा गया था। गिरफ्तार दोनों आरोपितों को लेकर जेल में पहले से ही काफी सतर्कता बरती जा रही थी। रविवार को जब महिलाएं मिलने पहुंची तो उनके दस्तावेज जेल के पास ले जाए गए। दस्तावेजों में आरटीपीसीआर रिपोर्ट गुड़गांव की एक लैब की लगी थी। जेलर ने उस पर दर्ज मोबाइल नंबर पर फोन कर संपर्क किया और आरटीपीसीआर रिपोर्ट की डिटेल मांगी। जिसमें पता चला कि सिर्फ एक रिपोर्ट ही लैब से जारी की गई है, बाकी तीन नहीं। तीन के फर्जी होने की पुष्टि पर तीनों महिलाओं को हिरासत में ले लिया गया था।

अलर्ट के बाद से बरती जा रही थी विशेष सतर्कता, जिससे पकड़ी गई महिलाएं: जेलर अजय राय ने बताया कि पुलिस कमिश्नर और खुफिया विभाग से जारी अलर्ट के बाद जेल में विशेष सतर्कता बरती जा रही थी। 23 सितंबर को दोनों बंदियों की पेशी थी। पेशी के पूर्व ही पुलिस कमिश्नर का अलर्ट आया था कि दोनों बंदियों को कोर्ट में भौतिक रूप से पेश करे जाने पर कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इस कारण दोनों बंदियों के रख-रखाव को लेकर विशेष सावधानी बरती जाए। जेलर ने बताया कि अलर्ट के बाद दोनों बंदियों को कोर्ट में नहीं पेश किया गया था। सुरक्षा को लेकर सभी जेल कर्मियों को भी अलर्ट कर दिया गया था। इस बीच जब महिलाएं उनसे मिलने आयीं तो उनकी भी गहनता से पड़ताल की गई। जिससे उनकी फर्जी रिपोर्ट पकड़ी।

जेल में संवेदनशील बैरकों की बढ़ी सुरक्षा: वरिष्ठ जेल अधाीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि इन महिलाओं की फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट मिलने के बाद से जेल में सतर्कता और बढ़ा दी गई है। खासकर संवेदनशील बैरकों की जहां आतंकी और अथवा खूंखार अपराधी बंद हैं। इसके अलावा जो भी व्यक्ति बंदी से मिलाई करने के लिए आ रहा है। उसकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट और दस्तावेजों की गहनता से जांच की जा रही है।

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