Police encounter in Lucknow: कबाड़ी और चाय वाला बनकर करते थे रेकी, इन घटनाओं का हुआ राजफाश्‍

एडीसीपी पूर्वी ने बताया कि गिरोह के लोग बीते 20 सितंबर को बार्डर पार करके आए थे। यह लोग ठंड की शुरूआत में हर साल आते थे। इसके बाद रेलवे पटरी किनारे और आसपास के एरिया में कबाड़ी चाय वाला और फेरी का काम करके इलाके की रेकी करते थे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 09:35 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 06:55 AM (IST)
Police encounter in Lucknow: कबाड़ी और चाय वाला बनकर करते थे रेकी, इन घटनाओं का हुआ राजफाश्‍
बार्डर पार करने के लिए कुछ लोगों से इन्होंने सेटिंग कर रखी थी।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। राजधानी में तीन बांग्लादेशी बदमाशों को रविवार देर रात चिनहट पुलिस और क्राइम ब्रांच ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार क‍िया। एडीसीपी पूर्वी ने बताया कि गिरोह के लोग बीते 20 सितंबर को बार्डर पार करके आए थे। यह लोग ठंड की शुरूआत में हर साल आते थे। इसके बाद रेलवे पटरी किनारे और आसपास के एरिया में कबाड़ी का काम करके, चाय वाला और फेरी का काम करके इलाके की रेकी करते थे। इसके बाद रेकी में घरों को टारगेट कर गिरोह के सरगना हमजा को बताते थे। फिर योजनाबद्ध तरीके से आठ से 10 लोग वारदात को अंजाम देते थे। गिरोह के लोग आवागमन में ट्रेन का ही प्रयोग करते थे।

पांच हजार रुपये बार्डर पार कर आते थे, रेलवे लाइन किनारे मकानों को करते थे टारगेट : एसीपी विभूतिखंड अनूप कुमार सिंह ने बताया कि डकैत आसाम और पश्चिमबंंगाल के परगना 24 के रास्ते बार्डर से नदी पार करके बांग्लादेश से आते थे। बार्डर पार करने के लिए कुछ लोगों से इन्होंने सेटिंग कर रखी थी। उन लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। बार्डर पार करने के बाद ट्रेनों से महानगरों में पहुंचते थे। गिरोह के लोग एेसी ट्रेनों में बैठते थे जिनमें चेकिंग कम हो। इसके बाद वाराणसी, लखनऊ, एमपी समेत अन्य महानगरों में डेरा डालते थे। गिरोह के लोग रेलवे लाइन किनारे बनी पाश कालोनियां टारगेट करते थे। उनमें आसानी से वारदातों को अंजाम देकर यह रेलवे पटरी के रास्ते चले जाते थे। ट्रेन में इनके लोग टिकट लेकर बैठे होते थे। आउटर पर जहां ट्रेन धीमी होती थी अथवा रुकती थी वहीं से बैठकर फरार हो जाते थे। इसके बाद लूट में मिले जेवरात और रुपये बार्डर के रास्ते ही अपने देश भेज देते थे।

सरगना समेत फरार आरोपितों की तलाश में दबिश : गिरोह का सरगना हमजा बांग्लादेश के खुलना जिले का रहने वाला है। उसके साथी असलम, नासिर उर्फ नसीर, शाहीन, बिल्लाल, नूर इस्लाम, शुमान और नूर खान भी वहींं के रहने वाले हैं। इन सभी फरार बदमाशों की तलाश में दबिश दी जा रही है। एसीपी ने बताया कि फरार बदमाशों की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।

इन वारदातों का राजफाश

छह सितंबर 2020 कठौता झील के पास एक घर में घुसे। पूरे परिवार को बंधक बनाकर घटना की। 19 दिसंबर 2020 को तीन घरों में वारदात का प्रयास पर गृह स्वामी के जगने पर भाग निकले। 23 दिसंबर 2020 को सहारा अस्पताल के पास रहने वाले गन्ना विभाग के इंजीनियर वाईके श्रीवास्तव उनकी पत्नी और बेटी को बंधक बनाकर लूटपाट। जुलाई 2019 में मध्यप्रदेश के कटनी में एक घर में घुसे युवती को बंधक बनाकर वारदात की। इसके अलावा दिल्ली, केरल, बंग्लूरू में भी डकैती की वारदातें की।
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