Betting Racket Busted: लखनऊ से IPL मैच में आनलाइन सट्टा लगवाने में तीन गिरफ्तार,खाते में मिले 42 लाख; फ्रीज
आइपीएल मैच शुरू होते ही राजधानी में सटोरियों का मकड़जाल फैलने लगा। सोमवार को डीसीपी पूर्वी की क्राइम ब्रांच और विभूतिखंड पुलिस ने आनलाइन सट्टा खिलवाने वाले गिरोह के सरगना प्रवीण कुमार और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। आइपीएल मैच शुरू होते ही राजधानी में सटोरियों का मकड़जाल फैलने लगा। सोमवार को डीसीपी पूर्वी की क्राइम ब्रांच और विभूतिखंड पुलिस ने आनलाइन सट्टा खिलवाने वाले गिरोह के सरगना प्रवीण कुमार और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य आरोपितों की तलाश में दबिश दे रही है।पुलिस को सगरना और उसकी मां के खाते में 42.66 लाख रुपये मिले हैं। पुलिस ने दोनों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं।
एडीसीपी पूर्वी सैय्यद मो. कासिब आब्दी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों मेंं विभवखंड गोमतीनगर निवासी प्रवीण कुमार सिंह मूल निवासी गोरखपुर बांसगांव उसका साथी राहुल निवासी विनयखंड और गौरव मंडल है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों के पास से 14 हजार रुपये की नकदी, चार मोबाइल फोन, तीन पैड फोन, दो चेकबुक, एक लैपटाप, एल एलइडी टीवी मिली है। 2016 से खिलवा रहा था सट्टा इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि गिरोह का सरगना प्रवीण कुमार वर्ष 2016 से सट्टा खिलवा रहा था। उसने सट्टे की कमाई का सारा रुपया अपने और मां के खाते में डाल रखा था। दोनों के बैंक खाते गोमतीनगर स्थित फेडरल बैंक में हैं। गिरफ्तारी के बाद दोनों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। उनकी पड़ताल की जा रही है। पांच हजार रुपये से कम का नहीं लगता था सट्टा एसीपी विभूतिखंड अनूप कुमार सिंह ने बताया कि गिरोह का सरगना बहुत ही शातिर है। वह पांच हजार रुपये से कम का सट्टा किसी का भी नहीं लगाता था। वह हर बाल पर सट्टा खिलवाता था। आउट होने, बाल पर छक्का, चौका लगने, कैच आउट, रन आउट सब पर सट्टा लगवाता था। सट्टे का सारा रुपया खाते में मंगवाता था। उसके बाद साथियों को देता था।
फर्जी मेल आइडी से भेजते थे सट्टे का नंबर: एसीपी ने बताया कि प्रवीण पुलिस से बचने के लिए सट्टे में मोबाइल काल का प्रयोग नहीं करता था। उसने इसके लिए फर्जी मेल आइडी बना रखी थी। फर्जी मेल आइडी से ही वह लोगों से बात करता था। इसके अलावा मेल से ही सट्टा लगाने वालों को सट्टे का नंबर भेजता था। आइपीएल शुरू होते ही वह और गिरोह से जुड़े लोग सक्रिय हो जाते थे।