अयोध्‍या में सीआरएस पोर्टल हैक कर बनाए हजारों फर्जी प्रमाणपत्र, मध्यप्रदेश के दो शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार

एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि इनके संपर्क में विभिन्न प्रदेशों के लोग हैं जिनकी मांग पर ये लोग संबंधित व्यक्तियों के फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर उपलब्ध कराते थे। हालांकि मुख्य हैकर की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 07:12 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 07:12 PM (IST)
अयोध्‍या में सीआरएस पोर्टल हैक कर बनाए हजारों फर्जी प्रमाणपत्र, मध्यप्रदेश के दो शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार
एक ग्राम विकास अधिकारी की आइडी से ही नौ सौ फर्जी प्रमाण पत्र जारी।

अयोध्या, संवाद सूत्र।  जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र का विवरण तैयार करने वाली आनलाइन व्यवस्था में साइबर अपराधियों की सेंधमारी का पुलिस ने राजफाश किया है। सरकार के सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल को हैक कर फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने वाले दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। अपराधियों ने सोहावल, मिल्कीपुर व अलनाभारी क्षेत्र में हजारों फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत किए हैं। सोहावल के ग्राम विकास अधिकारी वैभव पांडेय के पोर्टल से ही नौ सौ प्रमाणपत्र जारी हुए थे।

एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि साइबर अभियुक्त जिले की कई पंचायतों का जन्म स्थान दर्शा कर बिहार व अन्य प्रांतों के रहने वालों का फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार कर उन्हें उपलब्ध कराते थे। एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए हरिओम सिंह व उसका भाई दिनेश सिंह निवासी अंबहा गुरुद्वारा मोहल्ला मुरैना, मध्य प्रदेश शामिल हैैं। दोनों यहां पटरंगा में रहते थे। एसएसपी ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी वैभव पांडेय ने पूरे मामले की जानकारी परिक्षेत्रीय साइबर थाने में दी गई थी। जिसके बाद शुक्रवार को पटरंगा से दोनों अरोपितों को गिरफ्तार किया गया।

एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि इनके संपर्क में विभिन्न प्रदेशों के लोग हैं, जिनकी मांग पर ये लोग संबंधित व्यक्तियों के फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर उपलब्ध कराते थे। हालांकि मुख्य हैकर की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, आरोपितों के पास से बरामद फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड एवं बिहार सहित अन्य राज्यों से संबंधित लोगों के होने की आशंका है, जिस पर जांच चल रही है। वहीं, इन फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर अन्य देशों के लोगों द्वारा नागरिकता प्राप्त करने के बिंदु पर भी जांच की जा रही है।

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