अक्षय तृतीया पर इस बार सोना नहीं हुआ सोणा, ऑनलाइन काराेबार भी नहीं चढ़ा परवान
पिछली बार कोरोना काल में भी अक्षय तृतीया पर सोने की चमक दिखी थी। भले ही व्यापार ऑनलाइन पर सिमटा लेकिन सहालग और पर्व पर खरीदारों ने उत्साह दिखाया था। लेकिन इस बार बाजार में ऑनलाइन कारोबार भी परवान नहीं चढ़ सका।
लखनऊ, जेएनएन। पिछली बार कोरोना काल में भी अक्षय तृतीया पर सोने की चमक दिखी थी। भले ही व्यापार ऑनलाइन पर सिमटा लेकिन सहालग और पर्व पर खरीदारों ने उत्साह दिखाया था। लेकिन इस बार बाजार में ऑनलाइन कारोबार भी परवान नहीं चढ़ सका। ग्राहकों ने कारपोरेट स्तर पर जो खरीदारी की वह भी ईटीएफ गोल्ड बांड या फिर सोने के सिक्कों पर ही केंद्रित रही। कारोबारी की मानें तो ऑनलाइन कारोबार इस बार पूरी तरह से कोरोना की भेंट चढ़ गया।
आभूषणों की डिलीवरी के पेच में फंसा सर्राफा कारोबार: इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी ने बताया कि कारोबारियों की मानें तो ऑनलाइन प्रयास सार्थक नहीं हुए। डिलीवरी देने की मांग। डिजाइन की फोटो समेत तमाम चीजों की अपेक्षाएं बंद बाजार से पूरी होेती नहीं दिखीं। ऐसे में ऑनलाइन कारोबार नहीं चढ़ सका। कारपोरेट स्तर पर भी मजबूती नहीं दिखी।
संगठन मंत्री लखनऊ सर्राफा के आदीश जैन ने बताया कि इस बार अक्षय तृतीया पर बाजार में ऑनलाइन कारोबार दमदार नहीं रहा। बाजार बंद थे। ग्राहकों की अपेक्षा थी कि जो आइटम मांगे जा रहे हैं उनकी फोटो भेजें। उसके बाद लेने और न लेने की बात होगी। ऐसे में दुकानों को खोले जाने के हालात नहीं थे।
लखनऊ सर्राफा एसोसिएशन अमीनाबाद के वरिष्ठ महामंत्री प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि ऑनलाइन बाजार नहीं हुआ। ग्राहक फोटो और पसंद आने के बाद ही सौदा लेने की बात कहता नजर आया। बाजार बंद था। ऐसे में दुकान खोले जाने का लाभ होता नहीं दिखा। पिछली बार लॉकडाउन में ऑनलाइन आभूषण पसंद किए गए थे। इस बार एडवांस पैसा देकर ग्राहक फंसना नहीं चाहता था।
चौक सर्राफा के महामंत्री विनोद महेश्वरी ने बताया कि इस बार बाजार में ऑनलाइन कारोबार नहीं हुआ। ग्राहक न तो अग्रिम पैसा देने को तैयार था और न ही बिना देखे डिजाइन फाइनल करने को। डिलीवरी भी पसंद आने पर तत्काल मांगी जा रही थी। ऐसे में कारोबार में चमक नहीं आई।