लखनऊ : 31 अक्टूबर से 10 दिन तक इन सात विद्यालयों नहीं चलेंगी नौ से 12 की कक्षाएं, जानिए क्यों

लखनऊ के सात राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में होगी बीटीसी और डीएलएड की परीक्षाएं। तीन पालियों में होगा परीक्षाओं का आयोजन कैसे होगी कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों की पढ़ाई। प्रत्येक केंद्र पर करीब 500 से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। परीक्षा का शेड्यूल भी जारी हो चुका है।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 11:09 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 11:09 AM (IST)
लखनऊ : 31 अक्टूबर से 10 दिन तक इन सात विद्यालयों नहीं चलेंगी नौ से 12 की कक्षाएं, जानिए क्यों
लखनऊ के सात राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में होगी बीटीसी और डीएलएड की परीक्षाएं।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में यूपी बोर्ड से संचालित सात राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 31 अक्टूबर से 11 नवंबर तक कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाएं संचालित करने में प्रिंसिपल असमर्थता जता रहे हैं। क्योंकि इन दिनों यहां तीन पालियों में बीटीसी और डीएलएड की परीक्षाएं होनी हैं। इसमें दो एक अक्टूबर और आठ नवंबर को रविवार होने के कारण छुट्टी रहेगी। प्रत्येक केंद्र पर करीब 500 से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। परीक्षा का शेड्यूल भी जारी हो चुका है।

कक्षाएं चलाएं अध्यापक या परीक्षा की करें ड्यूटी

विद्यालयों के प्रिंसिपलों का कहना है कि इन दिनों भौतिक रूप से अथवा ऑनलाइन दोनों तरह से कक्षाएं चलना मुश्किल है। क्योंकि शिक्षकों की ड्यूटी तीन पालियों में परीक्षा केंद्र पर लगी है। ऐसे में शिक्षक परीक्षा केंद्र की ड्यूटी करके किस तरह ऑनलाइन और भौतिक रूप से बच्चों को कक्षाएं दे पाएंगे। अगर विद्यालय में बच्चों को बुलाया जाएगा तो शारीरिक दूरी का पालन कैसे हो सकेगा। क्योंकि परीक्षार्थियों की संख्या अधिक है।

किस विद्यालय में कितने परीक्षार्थी

कॉलेज - परीक्षार्थी राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज - 580 हुसैनाबाद इंटर कॉलेज - 580 राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गोमतीनगर - 550 राजकीय बालिका इंटर कॉलेज विकासनगर - 550 राजकीय बालिका इंटर कॉलेज इंदिरागनर - 500 राजकीय बालिका इंटर कॉलेज शाहमीना - 500 उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल इंटर कॉलेज - 550

क्या कहते हैं डीआइओएस ?

डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह के मुताबिक, सात विद्यालयों में परीक्षाएं तीन पालियों में होनी है ऐसी स्थिति में बच्चों की कक्षाएं चलना मुश्किल होगा। उनकी ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था कराई जाएगी। अगर विद्यालय में कक्षों की संख्या बची तो बच्चे इन दिनों थोड़े ही आ रहे हैं। उनकी बैठने की व्यवस्था वहां पर की जाएगी। इसकी योजना बनाई जा रही है। 

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