मार्च से SGPGI लखनऊ में बिना कोरोना जांच ले सकेंगे OPD में सलाह, जारी रहेंगे एहतियाती कदम

कोरोना की जांच की बाध्यता के कारण माइक्रोबायलोजी विभाग में रोज एक हजार से अधिक जांच के सैंपल आ रहे है। बाध्यता खत्म होने के बाद पर वर्क लोड कम होगा। हालांकि किसी में कोरोना के लक्षण है तो जांच की जरूरत पड़ सकती है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 09:40 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 09:40 AM (IST)
मार्च से SGPGI लखनऊ में बिना कोरोना जांच ले सकेंगे OPD में सलाह, जारी रहेंगे एहतियाती कदम
एसजीपीजीआइ लखनऊ में मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए कोरोना जांच की बाध्यता खत्म होने वाली है।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ संजय गांधी पीजीआई में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए कोरोना जांच की बाध्यता खत्म होने वाली है। मार्च से बिना कोरोना जांच के मरीज ओपीडी में दिखा सकेंगे लेकिन कोरोना से बचाव के लिए मरीज , तीमारदार को उपाय जारी रखना होगा। अभी संस्थान की ओपीडी में सलाह के लिए आरटी पीसीआऱ जांच की रिपोर्ट जरूरी है। इस जांच के लिए मरीज या तो अपने शहर से जांच करा कर लाते है नहीं तो एक दिन पहले पहुंच कर पीजीआइ में जांच कराते है जिसकी रिपोर्ट अगले दिन सुबह तक मिल जाती है।

कोरोना की जांच की बाध्यता के कारण माइक्रोबायलोजी विभाग में रोज एक हजार से अधिक जांच के सैंपल आ रहे है। बाध्यता खत्म होने के बाद यहां पर वर्क लोड कम होगा। संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि किसी में कोरोना के लक्षण है तो जांच की जरूरत पड़ सकती है। कोरोना काल में ईओपीडी चल रही थी । इसके बाद केवल पहले जिन्हे डेट मिलती थी उन्हे देखा जाता रहा है। ओपीडी में फोन पर डेट दिया जाता रहा है हांलाकि इमरजेंसी सेवाओं  के लिए होल्डिंग एरिया बना है। कोरोना के चलते करीब एक साल बाद पूर्व जैसी ओपीडी चलेगी। पीजीआई निदेशक प्रो. आरके धीमन ने सभी विभागाध्यक्ष को एक मार्च से इसका पालन करने का निर्देश जारी किया है। हालाँकि ओपीडी में आने वाले मरीजों और तीमारदारों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। मरीज के साथ सिर्फ एक ही तीमारदार को प्रवेश मिलेगा।

भर्ती मरीज़ो को कोरोना जांच करानी होगी

ओपीडी में देखने के बाद यदि डॉक्टर मरीज को भर्ती करने की जरूरत होगी तो कोरोना जांच के बाद ही भर्ती किया जाएगा खास तौर पर नान इमरजेंसी वाले मरीजों में । विशेषज्ञों का कहना है कि भर्ती के दौरान वार्ड में दूसरे मरीजों, हेल्थ केयर वर्कर की सुरक्षा के लिए यह सावधानी अभी जरूरी है।

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