UP Polytechnic Admission 2021: पालीटेक्निक में प्रवेश को लेकर घटा अभ्यर्थियों का रुझान, प्रदेश के इन संस्थानों में लगा ताला
UP Polytechnic Admission 2021 मध्यम वर्गीय सामान्य परिवार के बच्चों में पालीटेक्निक की पढ़ाई को लेकर खासा उत्साह रहता है। तीन साल के डिप्लोमा के बाद जूनियर इंजीनियर के पद पर चयन के अवसर के साथ इंजीनियरिंग में डिग्री का अवसर भी इसके बाद आसानी से मिल जाता है।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। मध्यम वर्गीय सामान्य परिवार के बच्चों में पालीटेक्निक की पढ़ाई को लेकर खासा उत्साह रहता है। तीन साल के डिप्लोमा के बाद जूनियर इंजीनियर के पद पर चयन के अवसर के साथ इंजीनियरिंग में डिग्री का अवसर भी इसके बाद आसानी से मिल जाता है। इसी मंशा को भाप सूबे में हर जिले में निजी पालीटेक्निक संस्थानों की बाढ़ सी आ गई। पिछले तीन वर्षों में डिप्लोमा के प्रति कम होता रुझान का असर अब इस संस्थानों पर भी पड़ा है। रही सही कसर कोरोना संक्रमण ने पूरी कर दी। पिछले एक साल में सूबे मेंं 25 निजी संस्थानों पर ताला लग गया है।
मंगलवार से एक बार फिर प्रवेश के लिए काउंसिलिंग का दौर शुरू होगा। सूबे की सभी 154 सरकारी और 19 सहायता प्राप्त संस्थानो की सीटें भरने के बाद निजी संस्थानोें का नंबर आता है। सरकारी में 38118, सहायता प्राप्त में 9898 सीटें हैं। इनके भरने के बाद 191142 निजी संस्थानों की सीटों को भरने का नंबर आता है। इस वर्ष परीक्षा के लिए 3,02066 ने पंजीयन कराया था और उनमे से 187640 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। इनमे से मात्र 174770 पास हुए हैं। कुल सीटें 2,28527 हैं। वहीं निजी संस्थानों की संख्या की बात करेंं तो पिछले साल 1202 निजी संस्थान थे जो इस बार घटकर 1177 रह गए हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव राम रतन ने बताया कि कोरोना काल का असर रहा है जिससे विद्यार्थी कम परीक्षा में बैठक हैं। निजी संस्थानों में सीधे प्रवेश की भी सुविधा दी जाती है। सीटें न भरने का कारण संस्थान की गुणवत्ता भी है जिसको सुधारने का प्रयास भी उन्हें करना चाहिए।
तीन साल की परीक्षा पर एक नजर
2021 कुल पंजीकृत अभ्यर्थी 3,02066 2021 परीक्षा में शामिल 1,87440 2020 पंजीकृत अभ्यर्थी 3,90894 2020 परीक्षा में शामिल 2,40144 2019 पंजीकृत अभ्यर्थी 4,36415 2019 परीक्षा में शामिल 3,60787पालीटेक्निक पर एक नजर