नौ साल से गायब चिकित्साधिकारी की सेवाएं समाप्त, जांच में अनुशासनहीनता के पाए गए दोषी

आगरा के नुनहाई में स्थित कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय के चिकित्साधिकारी डॉ. नमित कांत सिंह की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 11:17 PM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 08:10 AM (IST)
नौ साल से गायब चिकित्साधिकारी की सेवाएं समाप्त, जांच में अनुशासनहीनता के पाए गए दोषी
नौ साल से गायब चिकित्साधिकारी की सेवाएं समाप्त, जांच में अनुशासनहीनता के पाए गए दोषी

लखनऊ, जेएनएन। आगरा के नुनहाई में स्थित कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय के चिकित्साधिकारी डॉ. नमित कांत सिंह की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। शासन द्वारा उनके खिलाफ करवाई गई जांच में वह प्रथमदृष्टया दोषी पाए गए हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सहमित से इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। यह पिछले करीब नौ वर्षों से बिना बताए गायब चल रहे थे और लगातार अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना कर रहे थे, अनुशासनहीनता व मनमाने ढंग से कार्यसंस्कृति अपनाने के दोषी करार दिए गए हैं।

प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चंद्रा ने बताया कि डॉ. नमित कांत सिंह की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि डॉ. नमित कान्त सिंह को नवम्बर, 2011 से अनाधिकृत रूप से लगातार अनुपस्थित रहने पर शासन द्वारा नवम्बर, 2017 को उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली के तहत अनुशासनिक कार्रावाई की गई थी। इस प्रकरण की जांच के लिए नामित जांच अधिकारी अपर श्रमायुक्त शकुंतला गौतम के स्थानान्तरण के पश्चात विशेष सचिव श्रम मुनीन्द्र कुमार सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया था।

डॉ. सिंह कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय नुनहाई आगरा में 15 अप्रैल, 2011 को चिकित्साधिकारी के पद पर कार्यभार ग्रहण किया था। इसके बाद नवम्बर, 2011 से बिना किसी पूर्व सूचना व अवकाश स्वीकृत कराये कार्यस्थल से अनाधिकृत रूप से लगातार अनुपस्थित रहे। इनकी अनुपस्थिति से बीमांकित व्यक्तियों एवं उनके पारिवारिक सदस्यों की चिकित्सा उपचार आदि कराने में काफी व्यवधान भी उत्पन्न हुआ। डॉ. सिंह अपने उच्च अधिकारियों के निर्देशों के बावजूद भी कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं हुए। बाद में इन्होंने विषम परिस्थितियों का हवाला देकर सेवा करने में असमर्थता व्यक्त की और त्यागपत्र देकर सेवा समाप्त करने का अनुरोध किया।

शासन द्वारा जांच में डॉ. नमित कान्त सिंह के विरुद्ध लगाये गये आरोप सही पाये जाने पर इनके त्याग-पत्र को अस्वीकार कर दिया गया। उन्हें नवंबर, 2011 से जब से वह अनुपस्थित थे उसी तारीख से उनकी सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया गया। जांच के बाद इस प्रकरण को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया। आयोग की अनुमति के बाद सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

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