लखनऊ में ज्वैलरी शाप में लूट के बाद बड़े आराम से निकल गए थे बदमाश; कैमरे में कैद हुई घटना
लखनऊ में आभूषण दुकान में लूट के दौरान आसपास नहीं दिखी पुलिस थोड़ी दूरी पर है कोतवाली। कैमरे में कैद हुई घटना लुटेरों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें की गईं गठित। पांच साल पहले डकैती में भी इसी गिरोह के शामिल होने की आशंका।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। अलीगंज के सेक्टर बी स्थित तिरुपति ज्वैलर्स की दुकान में लूटपाट के बाद बदमाश पैदल ही भाग निकले। सड़क किनारे खड़े और वहां से गुजर रहे लोगों ने बदमाशों को फायरिंग कर भागते हुए देखा। इससे लोगों में दहशत फैल गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बदमाश भागकर एक गली में चले गए। इसके बाद वह नजर नहीं आए। माना जा रहा है कि बदमाश कार अथवा बाइक से आए थे, जो गली में खड़ी थी। हालांकि, इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि बदमाशों के साथ या आसपास उनके और भी मददगार होंगे।
पांच साल पहले डकैती में भी इसी गिरोह के शामिल होने की आशंका : इस बात की भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वर्ष 2017 में इसी दुकान में डकैती डालने वाले गिरोह ने ही यह लूट की है। पूर्व में बरामद सीसी फुटेज से पुलिस बुधवार की घटना का मिलान कर रही है। उस समय पुलिस ने कुछ बदमाशों को गिरफ्तार कर घटना के राजफाश का दावा किया था, लेकिन बरामदगी नहीं कर पाई थी।
घटनास्थल से थोड़ी ही दूरी पर है अलीगंज कोतवाली : घटनास्थल से थोड़ी दूरी पर अलीगंज कोतवाली है। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लूट से पहले पुलिस की गाड़ी भ्रमण कर रही थी। यही नहीं, बाइक से भी दो पुलिसकर्मी ज्वैलर्स की दुकान के सामने से गुजरे थे। हालांकि, फायरिंग के दौरान कोई भी वहां नहीं आया और बदमाश भाग निकले। पुलिस को मौके से 32 बोर का खोखा और कुछ कारतूस मिले हैं। फुटेज में पुलिस को बदमाशों के चेहरे दिखे हैं, जिसके जरिए उनकी शिनाख्त की जा रही है।
लगातार निशाने पर हैं सर्राफ
एक साल में 22 लूट और पांच डकैतियां : आंकड़ों के मुताबिक 18 नवंबर 2020 से 13 नवंबर 2021 तक राजधानी में लूट की 22 कुल घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके अलावा डकैती की पांच घटनाएं दर्ज हुई हैं। वर्ष 2019-20 में भी डकैती की पांच घटनाएं हुई थीं। इन दिनों टप्पेबाजी की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है, जो पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई हैं।