लखनऊ में तीन असलहा रखने वाले लाइसेंस धारकों के ढूंढे नहीं मिल रहे पते, नए अधिनियम में जमा करना है तीसरा शस्‍त्र

लखनऊ में पचास के करीब शस्त्र धारक ऐसे भी हैं जिनके पास तीन-तीन असलहे हैं लेकिन पुलिस को अपने ठिकानों पर खोजे नही मिल रहे हैं। पुलिस को उनकी तलाश इसलिए है क्योंकि नए आदेश के मुताबिक शस्त्र धारकों से तीसरा शस्त्र जमा कराना है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 01:10 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:07 PM (IST)
लखनऊ में तीन असलहा रखने वाले लाइसेंस धारकों के ढूंढे नहीं मिल रहे पते, नए अधिनियम में जमा करना है तीसरा शस्‍त्र
लखनऊ में तीन-तीन असलहा रखने वाले पचास लाइसेंस धारक गायब।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। राजधानी में पचास के करीब शस्त्र धारक ऐसे भी हैं जिनके पास तीन-तीन असलहे हैं लेकिन पुलिस को अपने ठिकानों पर खोजे नही मिल रहे हैं। पुलिस को उनकी तलाश इसलिए है क्योंकि नए आदेश के मुताबिक शस्त्र धारकों से तीसरा शस्त्र जमा कराना है। मगर मुश्किल है कि लाइसेंस पर दर्ज पतों पर शस्त्र धारक खोजे नहीं मिल रहे हैं।

राजधानी में करीब 58 हजार शस्त्र धारक हैं। इन पास करीब 61 हजार असलहे हैं। ग्यारह सौ के करीब ऐसे लाइसेंस धारक हैं जिनके पास दो या दो से अधिक शस्त्र हैं। संशोधित शस्त्र अधिनियम के मुताबिक नई नियमावली के अनुसार एक लाइसेंस धारी अब केवल दो ही असलहा रख सकता है। तीसरा असलहा अवैध माना जाएगा। प्रशासन ने गत दिसंबर तक ऐसे शस्त्र धारकों को असलहा जमा कराने का अल्टीमेटम दिया था लेकिन तमाम लाइसेंस धारकों ने असलहा नहीं जमा कराया। शस्त्र अनुभाग के एक कर्मचारी के मुताबिक पुलिस को निर्देश दिए गए थे कि संबंधित थाना क्षेत्रों में शस्त्र धारकों का सत्यापन कराकर तीसरा असलहा जमा कराएं। प्रशासन के निर्देश के बाद पुलिस ने सत्यापन कराना शुरू किया तो तमाम लाइसेंस धारक ऐसे निकले जो अपने पतों पर नहीं मिले। अब तक करीब पचास ऐसे शस्त्र धारक हैं जिन्होंने अपना तीसरा शस्त्र नहीं जमा कराया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दरअसल काफी पहले इन लोगों के शस्त्र लाइसेंस बने थे ऐसे में यह भी संभावना है कि अब यह लोग कहीं दूसरी जगह पर रहे रहे हों। हालांकि शस्त्र अधिनियम में स्पष्ट है कि अगर आपके पास शस्त्र लाइसेंस है तो संबंधित थाना क्षेत्र में इसको दर्ज कराना होगा। प्रशासन अब ऐसे शस्त्र धारकों को आखिरी नोटिस जारी करने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहा है।

पांच साल में करा सकते हैं नवीनीकरण: संशोधित अधिनियम के अनुसार तीन के बजाए अब पांच साल में नवीनीकरण कराना होगा। इसके अलावा हर्ष फायरिंग और प्रतिबंधित असलहा मिलने पर और कड़ी सजा का प्राविधान किया गया है।

chat bot
आपका साथी