World Music Day 2021: नवाबी दौर में तवायफों ने भी संगीत को बचाने में अदा की अहम भूमिका
नवाब वाजिद अली शाह का नाम लखनऊ के साथ जरूर लिया जाता रहेगा। लखनवी तहजीब ठुमरी कला को लेकर उनका योगदान विस्मृत नहीं किया जा सकता। वे स्वयं एक उत्कृष्ट कवि लेखक और ठुमरी के जन्मदाता माने जाते हैं। इन्होंने कई बेहतरीन ठुमरियां लिखीं।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ का शास्त्रीय, उप शास्त्रीय, सुगम एवं लोक गायन में अप्रतिम योगदान है। 1775 में जब नवाब आसिफुद्दौला ने अपनी राजधानी फैजाबाद से लखनऊ की, तब उनके दरबार में कई संगीतज्ञ देश के कई प्रदेशों से आ गए, जिसमें दिल्ली के उस्ताद छज्जू खां, उस्ताद गुलाम रसूल खां और कव्वाली के उस्ताद मियां जानी प्रमुख रहे। इसके बाद यहां ख्याल गायन परंपरा पल्लवित होती रही। नवाबी दौर में तवायफों ने भी संगीत को बचाने में अहम भूमिका अदा की। सोजख्वानी लखनऊ के शिया मुसलमानों की ही देन है, जिसे आज तमाम संगीतज्ञ सांगीतिक बैठकों में प्रस्तुत कर हजरत इमाम अली को याद करते हैं।
नवाब वाजिद अली शाह का नाम लखनऊ के साथ जरूर लिया जाता रहेगा। लखनवी तहजीब, ठुमरी, कला को लेकर उनका योगदान विस्मृत नहीं किया जा सकता। वे स्वयं एक उत्कृष्ट कवि, लेखक और ठुमरी के जन्मदाता माने जाते हैं। इन्होंने कई बेहतरीन ठुमरियां लिखीं। प्रसिद्ध ठुमरी बाबुल मोरा नैहर छूटो ही जाए... आपकी ही रचना है।जहां कला-संस्कृति का प्रश्रय मिला और जिस भूमि ने संगीतकारों की साधना को सिरआंखों पर लिया, उसी लखनऊ में पंडित विष्णु नारायण भातखंडे ने राय उमानाथ बली के सहयोग से 1926 में तत्कालीन गवर्नर के नाम से मैरिस म्यूजिक काॅलेज की स्थापना की। इसके जरिए अभिजात समाज में संगीत के प्रचार-प्रसार और शिक्षा को पं भातखंडे ने बेहद सुलभ कर दिया।
देश के तमाम प्रख्यात संगीतज्ञ इस महाविद्यालय और लखनऊ की जमीं से जुड़ गए। पद्मभूषण डाॅ एसएन रातंजनकर, पद्मविभूषण उस्ताद यूसुफ अली खां, पद्मभूषण उस्ताद रहीमुद्दीन खां, पद्मभूषण उस्ताद अहमद जां थिरकवा, पद्मभूषण बेगम अख्तर, पद्मभूषण प्रो वीजी जोग, डा एसएस अवस्थी, पंडित गणेश प्रसाद मिश्रा, प्रो केजी भिण्डे, पंडित दिनकर कैकिनी, प्रो बीएस निगम, उस्ताद छोटे मुन्ने खां, उस्ताद सखावत हुसैन, उस्ताद आबिद हुसैन, बाकर अली और पंडित सखारान आदि कुछ बड़े नाम हैं। भातखंडे ने संगीत की दुनिया को तमाम अन्य प्रतिष्ठित नाम दिए, जिनकी ख्याति देश-दुनिया तक फैली। - प्रो. सृष्टि माथुर, शास्त्रीय गायिका