लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में टेपवर्म की गांठ का सफल ऑपरेशन, आंतरिक अंगों के दबने से था जान को खतरा
लखनऊ के बलरामपुर चिकित्सालय के डाक्टरों ने टेपवर्म की दुर्लभ बीमारी से होने वाली पेट में बड़ी गांठ का सफल आपरेशन किया है। डॉक्टरों की टीम ने जटिल ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई। पूरे आपरेशन में लगभग तीन घंटे का समय लगा।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। बलरामपुर चिकित्सालय के डाक्टरों ने टेपवर्म की दुर्लभ बीमारी से होने वाली पेट में बड़ी गांठ का सफल आपरेशन किया है। डॉक्टरों की टीम ने जटिल ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई। पूरे आपरेशन में लगभग तीन घंटे का समय लगा। गांठ बड़ी होने के की वजह से पेट के दाहिनी तरफ के सभी अंग दबकर बायीं ओर खिसकने लगे थे। आपरेशन के बाद मरीज की हालत सामान्य है। जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
36 गुणा 26 सेंटीमीटर की निकली गांठ:
दुर्लभ है बीमारी: बाराबंकी के रामनगर निवासी 19 वर्षीय मरीज सत्य प्रकाश पुत्र रामराज को करीब चार महीने से पेट में दर्द था। जांच में पता चला कि पेट में एक बड़ी गांठ बन गई है। गांठ पूरे पेट में फैल रही थी। परिवारजन ने पहले उसे बाराबंकी के अस्पताल में दिखाया, जहां से डाक्टरों ने केजीएमयू रेफर किया। मगर मरीज ने बलरामपुर चिकित्सालय में इलाज कराना अधिक उपयुक्त माना। ऑपरेशन को लेकर निदेशक डा. रवींद्र कुमार श्रीवास्तव, सीएमएस आरके गुप्ता, अधीक्षक डा. हिमांशु चतुर्वेदी की अध्यक्षता में मीटिंग की गई। इसके बाद वरिष्ठ परामर्शदाता सर्जन डॉ. एसके सक्सेना, डा. एमपी सिंह की टीम ने 30 जुलाई को मरीज का आपरेशन कर 36 गुणा 26 सेंटीमीटर की बड़ी गांठ निकाली। आपरेशन में लगभग तीन घंटे का समय लगा।
सर्जरी के बाद किशोर की हालत सामान्य बताई जा रही है। डॉक्टरों की टीम के मुताबिक उसे जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। बीमारी की वजह से किशोर को चरने फिरने में भी खासी दिक्कत थी। वहीं पेट में इतनी बड़ी गांठ की वजह से वो ठीक से खा पी भी नहीं पा रहा था। ट्यूमर से आंतरिक अंग भी दब रहे थे। अगर समय रहते उसका ऑपरेशन नहीं किया गया होता तो जानलेवा हो सकता था।
दूषित पानी या भोजन से फैलती यह बीमारी: बलरामपुर अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. एसएम त्रिपाठी ने बताया कि टेपवर्म दूषित खाद्य पदार्थ या गंदा पानी पीने से मनुष्य में पहुंच जाती है। यह बीमारी प्रति एक लाख की आबादी में से एक से 200 लोगों तक को हो सकती है।