Ayodhya Ram Mandir: देश-दुनिया की प्रतिभाओं को मिल रहा रामनगरी संवारने का मौका, वास्तुविदों की प्रतियोगिता शुरू

विकास के इस क्रम ने स्पष्ट किया है कि धर्म को आगे रखते हुए रामनगरी के विकास में तकनीक और आधुनिकता का उपयोग प्राथमिकता पर किया जा रहा है। ताकि धार्मिक पर्यटकों के साथ-साथ रामनगरी युवाओं के भी आकर्षण का केंद्र बन सके।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 05:42 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 05:42 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: देश-दुनिया की प्रतिभाओं को मिल रहा रामनगरी संवारने का मौका, वास्तुविदों की प्रतियोगिता शुरू
पीएम से मिला देश की प्रतिभाओं को रामनगरी से जोडऩे का मंत्र।

अयोध्‍या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। रामनगरी के पुनर्विकास में देश-दुनिया की प्रतिभाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है। अयोध्या के विकास में पौराणिकता के साथ आधुनिकता का समावेश करने के लिए स्वदेश ही नहीं वैश्विक स्तर पर प्रतिभाशाली युवाओं के कौशल का उपयोग भी किया जा रहा है। रानमगरी के विकास में जनसभागिता का यह रास्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सुझाया गया था। गत 26 जून को विजन डॉक्यूमेंट की समीक्षा के दौरान पीएम ने कहा था कि, जिस तरह भगवान राम में लोगों को साथ लाने की क्षमता है, उसी तरह अयोध्या के विकास कार्यों में जन भागीदारी होनी चाहिए, खासतौर युवाओं की। शहर के विकास में युवाओं के कौशल का लाभ उठाना चाहिए...।

विजन डॉक्यूमेंट में शामिल योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रक्रिया पीएम के इसी सुझाव पर आगे बढ़ रही है। सोमवार से रामनगरी के लिए शुरू हुई वास्तुविदों की वैश्विक डिजाइन प्रतियोगिता भी इसी का हिस्सा है। प्रतियोगिता में रामनगरी के शहर का लोगो, शहर के स्वागत द्वार व शहर में दिशा सूचक के लिए बेहतर डिजाइन प्राप्त करना इस प्रतियोगिता उद्देश्य है, जिसमें दस लाख रुपये तक का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। यही नहीं रामकीपैड़ी के साथ आठ कुंडों के सुंदरीकरण में भी कला क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाली प्रतिभाओं को मोजार्टो अवसर प्रदान कर रही है।

विकास के इस क्रम ने स्पष्ट किया है कि धर्म को आगे रखते हुए रामनगरी के विकास में तकनीक और आधुनिकता का उपयोग प्राथमिकता पर किया जा रहा है। ताकि धार्मिक पर्यटकों के साथ-साथ रामनगरी युवाओं के भी आकर्षण का केंद्र बन सके। दृष्टिकोण प्रपत्र में रामनगरी में अगले 30 साल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना प्रस्तावित की गई है, इसमें पर्यटन, आर्थिक गतिविधियों के विकास के साथ अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर विकसित करने की परिकल्पना शामिल है। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल ङ्क्षसह का कहना है कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार रामनगरी के विकास में जनसहभागिता सुनिश्चित कराई जा रही है। 

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